जम्मू में निकाली गई चीन और पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन रैली

जम्मू, 4 जनवरी (हि.स.)। मिशन स्टेटहुड के अध्यक्ष सुनील डिम्पल ने शनिवार को जम्मू में अम्फाला, न्यू प्लॉट और जानीपुर रोड पर विरोध रैली और प्रदर्शनों का नेतृत्व किया जिसमें लद्दाख में भारत की नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भीतर चीन द्वारा दो काउंटी के निर्माण और स्थापना का दावा करते हुए इस पर कड़ी आपत्ति जताई।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए डिम्पल ने चीन और पाकिस्तान पर लद्दाख और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय क्षेत्र पर व्यवस्थित रूप से अतिक्रमण करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान करते हुए कहा जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की सीमाएं प्रतिदिन सिकुड़ रही हैं क्योंकि चीन और पाकिस्तान हमारी भूमि पर अपना अवैध कब्जा जारी रखे हुए हैं।

डिंपल ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसकी नीतियों के कारण 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर के ऐतिहासिक डोगरा राज्य को खत्म कर दिया गया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को जम्मू, लद्दाख, कश्मीर, पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान सहित एकीकृत राज्य के रूप में बहाल करने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार पर सीमा मुद्दों पर कमजोर रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा चीन ने पहले ही हमारी 80,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और लद्दाख में घुसपैठ एक दैनिक वास्तविकता है। भाजपा सरकार हमारी सीमाओं की रक्षा करने और चीन और पाकिस्तान की आक्रामकता का प्रभावी ढंग से जवाब देने में विफल रही है।

इसी बीच एक मजबूत सैन्य प्रतिक्रिया का आह्वान करते हुए डिंपल ने चीन और पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए क्षेत्रों को वापस लेने के लिए युद्ध की मांग की। उन्होंने आग्रह किया लद्दाख, पीओके, गिलगित और बाल्टिस्तान को उनके अवैध कब्जे से मुक्त करें और उन्हें जम्मू-कश्मीर और भारत के अभिन्न अंग के रूप में बहाल करें।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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