पारंपरिक व्यवसायों और स्थानीय हस्त—शिल्प कलाओं की प्रभावी मार्केटिंग पर ध्यान दिया जाए: राज्यपाल
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- Apr 17, 2025

जयपुर, 17 अप्रैल (हि.स.)। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अधिकारियों से जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों के पारंपरिक पशुपालन व्यवसाय, दुग्ध उत्पादन, हस्तशिल्प, कारीगरी व्यवसायों और स्थानीय हस्त—शिल्प कलाओं की प्रभावी मार्केटिंग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने राज्य के सभी नाै जनजातीय जिलों के कलेक्टरों से घुमंतू और भीख मांगने वाले लोगों से संवाद कर उनके बच्चों की शिक्षा की पुख्ता व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में संचालित आश्रम छात्रावासों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने, वहां निर्माण कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करने और औचक निरीक्षण कर जनजातीय क्षेत्रों का सभी स्तरों पर विकास सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
बागडे गुरुवार को राजभवन में अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति कल्याण हेतु संचालित योजनाओं एवं विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान कुछ समय पहले राजसमंद जिले में किए गए अपने दौरे पर छात्रावास एवं विद्यालय के मध्य दूरी की असुविधा को देखते हुए बालिकाओं के लिए परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। बैठक में उन्होंने इस संबंध में की गयी कार्रवाई के बारे में भी जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि छात्राओं के लिए 23 मार्च से ही परिवहन की सुविधा सुनिश्चित कर दी गयी है।
राज्यपाल ने अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासी लोगों द्वारा वनाधिकार पट्टों के दावों के भी शत—प्रतिशत निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने दावों की प्रगति की समीक्षा की और लंबित दावों पर त्वरित कार्यवाही करने की हिदायत दी। उन्होंने विभागीय बजट एवं व्यय के हिसाब और लक्ष्यों की कागजी पूर्ति की बजाय अनुसूचित क्षेत्र में व्यावहारिक रूप में आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार, उनके लिए बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं, उनके कौशल प्रशिक्षण और विद्यार्थियों की शिक्षा पर होने वाले खर्च की पूरी निगरानी रखने और उन्हें विकास योजनाओं से लाभान्वित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में लगे अधिकारियों के बारे में भी जानकारी ली और कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में वहां के अधिकारी और कर्मचारी लगें। इसी से वे जमीनी स्तर पर स्थानीय आवश्यकताओं और विकास की संभावनाओं के आधार पर प्रभावी परिणाम दे पाएंगे।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने जनजातीय क्षेत्रों में निर्माण कार्यों, छात्रावासों में हो रहे कार्यों के बारे में अधिकारियों से चर्चा करते हुए आवश्यकतानुसार क्षेत्रों में समयबद्ध कार्य पूर्ण किए जाने और विकास योजनाओं से अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित किए जाने का आह्वान किया।
बैठक में राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी ने अनुसूचित क्षेत्र में क्रियान्वित की जाने वाली विभिन्न योजनाओं के एजेंडे के अनुसार गतिविधियों से अवगत कराया। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन, वित्त विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शासन सचिव कार्मिक विभाग, जनजाति क्षेत्र, कृषि और ग्रामीण विकास विभाग, स्कूल शिक्षा, कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग, आयुक्त, पंचायती राज सहित बड़ी संख्या में अधिकारियों ने भाग लिया। बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, सिरोही, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, पाली तथा सलूम्बर के जिला कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंस से बैठक में सम्मिलित हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश