जागरूकता अभियान का नहीं हो रहा असर, धान की नर्सरी तैयार कर रहे जिले के किसान

-जिला प्रशासन के जागरूकता अभियान का नहीं दिख रहा व्यापक असर

धमतरी, 2 जनवरी (हि.स.)। धमतरी जिले में किसान धान फसल की बोआई करने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं, यही कारण है कि कई शहर व गांवों में किसान रबी फसल के लिए धान की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा धमतरी जिले में रबी धान फसल को हत्तोसहित करने के लिए लगातार महीनों से जन जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इसका सार्थक असर देखने को नहीं मिल रहा है। कलेक्ट्रेट से महज 500 मीटर की दूरी पर ही एक किसान धान की नर्सरी तैयार कर रहे हैं।

शासन द्वारा रबी फसल में धान की बजाय अन्य फसल लगाने के संबंध में तमाम जागरूकता अभियान चलाए जाने के बाद भी किसान रबी में दलहन-तिलहन की बजाय धान की फसल लेने में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं, यही कारण है कि इस साल भी किसान बड़े पैमाने पर धान फसल लेने के लिए नर्सरी तैयार कर रहे हैं। धमतरी शहर से लगे हुए कई गांवों में इन दिनों किसान रबी फसल के लिए रूप में धान की फसल लेने के लिए धान की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। धमतरी जिला मुख्यालय से लगे हुए कई गांव के किसान हर साल खरीफ व रबी फसल में धान की पैदावार पर प्रमुखता से लेते हैं। धान का प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य में लगातार बढ़ोतरी होने से किसा धान फसल बोने से अपना मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। दलहन, तिलहन, गेहूं सहित अन्य फसलों को तैयार होने में कम जल की आवश्यकता पड़ती है इसलिए शासन-प्रशासन द्वारा लगातार फसल चक्र परिवर्तन के लिए धान की जगह दलहन, तिलहन, गेहूं व अन्य फसल को लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस साल भी कई महीनों से जिला प्रशासन द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कुछ गांव में इसका असर भी देखने को मिला है, लेकिन अधिकांश गांव के किसान धान फसल को बोने में ही प्राथमिकता दिखा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भूजल के लगातार गिरावट होने और धान की उर्वरकता कम होने के कारण रबी फसल के रूप में धान फसल को लगाने से हत्तोसाहित किया जा रहा है। इसके लिए धमतरी जिले के चारों ब्लाक धमतरी, नगरी, कुरुद, मगरलोड में कृषि विभाग द्वारा कई कार्यक्रम भी चलाएं गए हैं, इसके बाद भी कई किसान मोटर पंप की सहायता से खेतों में पानी भरकर धान की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। मालूम हो कि रबी सीजन में धान फसल लेने पर अधिक पानी की आवश्यकता होती है। लगातार सिंचाई बोर पंपों के चलने से भूजल स्तर तेजी से गिर जाता है, इससे पेयजल संकट समेत कई तरह की दिक्कतें सामने आती है। किसानों को सिंचाई पानी के अभाव में उनके रबी धान फसल से नुकसान होता है। मालूम हो कि रबी सीजन में धान फसल से किसानों का मोह भंग करने जिला प्रशासन जल संरक्षण के लिए कई सराहनीय कदम उठा रहे हैं। 100 एकड़ जमीन पर रबी सीजन में दलहन-तिलहन फसल लगाने वाले गांव को जिला प्रशासन सम्मान करेगी। वहीं कृषि विभाग लगातार गांवों में शिविर लगाकर किसानों को दलहन-तिलहन फसल लेने प्रेरित कर रहे हैं। शासन-प्रशासन से क्षेत्र के किसान प्रेरित होकर दलहन-तिलहन फसल लगाने सामने भी आ रहे हैं, लेकिन ऐसे किसानों की संख्या सीमित है।

किसानों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है

धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि भूजल का अत्यधिक दोहन रोकने और जमीन की उर्वरकता बनाए रखने के लिए जिले के चारों ब्लाक में जन जागरूकता के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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