एक्यूप्रेशर : किडनी रोग के गम्भीर संक्रमण को लेकर जागरूकता

प्रयागराज, 11 मार्च (हि.स.)। एक्यूप्रेशर शोध संस्थान के तत्वावधान में मंगलवार को विश्व गुर्दा दिवस के उपलक्ष्य में एक शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में किडनी से जुड़े रोगों और उसके सफल परिणाम के आधार पर लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ बिन्दु जारी किए गए, जिनके प्रयोग से किसी गम्भीर स्थिति में पहुंचने से बच सकते हैं। संगोष्ठी के दौरान संस्थान के अध्यक्ष जे.पी अग्रवाल ने किडनी समस्या को लेकर कुछ बिन्दु आम जनमानस के प्रयोग हेतु बताए। जिन पर पेपर टेप के माध्यम से मेथी दाना, स्केच पेन के द्वारा रंग या मैगनेट प्रयोग करके रोगी किडनी की पथरी या फिर किडनी के संक्रमण से बच सकता है। इस दौरान निदेशक ए.के द्विवेदी ने कहा कि एक्यूप्रेशर इलाज का बहुत प्राचीन तरीका है, जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारी को ठीक किया जाता है। दरअसल, हमारे शरीर के मुख्य अंगों के दबाव केंद्र यानी प्रेशर पॉइंट्स पैरों के तलवे में और हथेलियों में होते हैं। अगर इन दबाव केंद्रों की मालिश की जाए तो शरीर का जो प्रेशर पॉइंट जिस अंग को प्रभावित करता है उससे जुड़ी बीमारी में इससे राहत मिल सकती है। डॉ उर्वशी उपाध्याय ने बताया कि हमारे शरीर के अंदर जीवन ऊर्जा का प्रवाह कुछ नलिकाओं के माध्यम से होता है। इस प्राकृतिक प्रवाह में किसी तरह की रुकावट या असंतुलन ही बीमारी या दर्द का कारण बनता है। एक्यूप्रेशर के माध्यम से इस रुकावट या असंतुलन को सही करके जीवन ऊर्जा के प्रवाह में सुधार लाया जाता है, जिससे शरीर फिर से स्वस्थ हो जाता है। इस दौरान प्रो. रामकुमार शर्मा, प्रो. आलोक कमलिया, प्रो. प्रभात वर्मा, विशाल जायसवाल, सुनील मिश्रा, सीमा सेठ, अभय त्रिपाठी, रश्मि अग्रवाल ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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