'रूप-अरूप' सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी से बीएचयू का अहिवासी कला वीथिका गुलजार
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- Nov 20, 2025
—छात्र घंटों तक चित्रकृतियों को निहार रहे,तीन शोध छात्रों की कृतियां भी भा रही
वाराणसी,20 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दृश्य कला संकाय में 'रूप-अरूप' विषयक छः दिवसीय सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी में चौथे दिन गुरूवार को अहिवासी कला वीथिका में छात्र उमड़ पड़े। प्रदर्शनी में देशी-विदेशी दर्शकों का भी आवागमन लगा रहा। दर्शकों ने प्रदर्शनी की चित्रकृतियों का अवलोकन कर अपने-अपने अनुभवों के माध्यम से बहुत ही भावपूर्ण प्रतिक्रिया प्रस्तुत की। छात्र घंटों तक चित्रकृतियों को एकटक निहारते रहे। विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी ऐतिहासिक, धार्मिक तथा आध्यात्मिक तत्वों तथा काशी से जुड़े विभिन्न विषयों पर आकर्षक रंग-योजनाओं तथा सुन्दर संयोजन से अलंकृत ये चित्रकृतियों ने सभी को आनंदित करते हुए कला के सागर में गोता लगाने के लिए विवश कर दिया। इस प्रदर्शनी में दो सहायक आचार्य डॉ आशीष कुमार गुप्ता, डॉ ललित मोहन सोनी तथा बीएचयू के तीन शोध छात्र मुकेश प्रसाद, आकाश वर्मा एवं मोनाली सिंह, की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। इसके पहले बीते बुधवार की अपरान्ह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी भी विश्वविद्यालय के अहिवासी कला वीथिका में पहुंचे और चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कुलपति प्रो.चतुर्वेदी ने प्रदर्शित चित्रकृतियों को बहुत गहराई से देखा तथा संबंधित सभी कलाकारों से उनकी प्रत्येक कृति के विषय में विस्तार से चर्चा की। कुलपति ने संपूर्ण प्रदर्शनी की प्रशंसा की तथा कहा कि उन्हें प्रदर्शनी का अवलोकन कर बहुत प्रसन्नता का अनुभव हुआ। वे लगभग 1 घंटे तक प्रदर्शनी कक्ष में रहे तथा चित्रकृतियों के अवलोकन के बाद कुलपति ने प्रदर्शनी कक्ष से संबंधित अन्य समस्याओं पर भी विचार-विमर्श किया। संकाय प्रमुख के अनुसार यह समूह चित्रकला प्रदर्शनी कलाप्रेमी, सुधिजन दर्शकों के अवलोकनार्थ 22 नवंबर तक सुबह 11 बजे से सायं 05 बजे तक खुली रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी



