जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम : भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा
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- Jun 16, 2025
- इस पहल का सबसे बड़ा असर पसमांदा मुस्लिम समुदाय पर पड़ेगाः जमाल सिद्दीक़ी
नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। जातिगत जनगणना का गजट नोटिफिकेशन जारी होने पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीक़ी का कहना है कि मोदी सरकार के जरिए जातिगत जनगणना का निर्णय एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि जनगणना का फॉर्म भरते समय मुसलमान अपनी जाति की सही जानकारी दें और कट्टरपंथी मौलानाओं के बहकावे में नहीं आएं, क्योंकि यह सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम है। पहली बार मुस्लिम समुदाय के भीतर मौजूद जातियों की भी विस्तृत गिनती की जाएगी। अब तक मुस्लिमों को केवल एक धार्मिक समूह के रूप में दर्ज किया जाता रहा है, जिससे उनके भीतर की सामाजिक और आर्थिक विविधताओं पर स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं थी। इस जनगणना से मुस्लिम समुदाय की जातियों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति से जुड़े ठोस आंकड़े सामने आएंगे, जो नीति निर्माण और सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण आधार बन सकते हैं।
जमाल सिद्दीक़ी ने कहा कि पसमांदा मुसलमान मुस्लिम कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं और अपनी जाति की सही जानकारी उपलब्ध कराएं क्योंकि कुछ कट्टरपंथी मौलानाओं द्वारा गुमराह करने के लिए लोगों से अपील की जा रही की जातिगत जनगणना के दौरान मुस्लिम अपनी जाति इस्लाम बताएं। जबकि यह जातिगत जनगणना है, धार्मिक जनगणना नहीं। जाति संस्कृति का हिस्सा है, धर्म का हिसा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति में जातियां होती हैं जिसके द्वारा मुस्लिम समाज के भीतर भी जातिगत विविधताओं को सामने लाया जाएगा, तो उस एकरूपता की धारणा टूटेगी। इस पहल का सबसे बड़ा असर पसमांदा मुस्लिम समुदाय पर पड़ सकता है। मुस्लिम समाज में भी 85 फीसद जनसंख्या पसमांदा मुसलमानों की है, जो पिछड़े हुए हैं, लेकिन सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र में उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है। लेकिन ठोस आंकड़े नहीं होने के कारण उनकी आवाज अनसुनी कर दी जाती है। देश के सभी मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड में भी एक भी पसमांदा मुसलमान सदस्य नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/ मोहम्मद ओवैस
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हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद



