केंद्रीय बजटः देश के विकास की यात्रा के 'पहले इंजन कृषि क्षेत्र' के लिए कई उपायों की घोषणा
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- Feb 01, 2025
- बिहार में मखाना बोर्ड का होगा गठन, उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन की घोषणा
- 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा
- कपास उत्पादकता के लिए पांच वर्षीय मिशन की घोषणा की गई
- किसान क्रेडिट कार्ड ऋण सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई
- असम के नामरूप में 12.7 लाख टन क्षमता का यूरिया संयंत्र होगा स्थापित
नई दिल्ली, 1 फ़रवरी (हि.स.)। देश की विकास यात्रा के लिए ‘कृषि को पहला इंजन’ मानते हुए केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 में कृषि विकास और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की, जिससे अन्नदाता को लाभ होगा।
बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित करने के सरकार के फैसले की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार होगा और साथ ही इन गतिविधियों में लगे लोगों को किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) में संगठित करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि बोर्ड मखाना किसानों को सहायता और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करेगा और यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेगा कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।
वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च उपज वाले बीजों पर एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, उच्च उपज, कीट प्रतिरोध और जलवायु लचीलापन वाले बीजों का लक्षित विकास और प्रसार और जुलाई 2024 से जारी 100 से अधिक बीज किस्मों की व्यावसायिक उपलब्धता है। आनुवंशिक संसाधनों के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को संरक्षण सहायता प्रदान करने और भविष्य की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, मंत्री ने कहा कि 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा।
'कपास उत्पादकता के लिए मिशन' की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पांच साल का मिशन कपास की खेती की उत्पादकता और स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार की सुविधा प्रदान करेगा और अतिरिक्त लंबे स्टेपल कपास की किस्मों को बढ़ावा देगा। इस मिशन से लाखों कपास उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा, क्योंकि किसानों को सर्वोत्तम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान की जाएगी। कपड़ा क्षेत्र के लिए सरकार के एकीकृत 5एफ विजन के अनुरूप मंत्री ने कहा कि यह मिशन किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा और साथ ही भारत के पारंपरिक कपड़ा क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए गुणवत्ता वाले कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
लगभग 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए अल्पावधि ऋण की सुविधा में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के महत्व को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने केसीसी के माध्यम से लिए गए ऋणों के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की।
सीतारमण ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाले यूरिया संयंत्र की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे यूरिया की आपूर्ति में और वृद्धि होगी और पूर्वी क्षेत्र में हाल ही में फिर से खोले गए तीन निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों के साथ-साथ यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद मिलेगी।
भारत मछली उत्पादन और जलीय कृषि में विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है, जिसका समुद्री खाद्य निर्यात 60 हजार करोड़ रुपये मूल्य का है, इसका जिक्र करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीपसमूह पर विशेष ध्यान दे रही है। इस क्रम में भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) और उच्च सागर से मत्स्य पालन के सतत दोहन के लिए एक सक्षम ढांचा लाएंगे, जिससे समुद्री क्षेत्र की अप्रयुक्त क्षमता का दोहन होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव