बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश बनने से रोकना मुश्किल होगा अगर तृणमूल 2026 में जीती : भाजपा

कोलकाता, 29 मार्च (हि. स.)। पश्चिम बंगाल भाजपा के महासचिव जगन्नाथ चटर्जी ने शनिवार को दावा किया कि अगर 2026 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस जीतती है, तो बंगाल को ‘पश्चिम बांग्लादेश’ बनने से रोकना नामुमकिन हो जाएगा।

भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के हालिया बयान का समर्थन करते हुए चटर्जी ने कहा कि चक्रवर्ती ने पार्टी की नीति को ही दोहराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को एकजुट करने के लिए लगातार काम कर रही है। राज्य की सीमा बांग्लादेश से लगती है और रोजाना वहां से अवैध घुसपैठ हो रही है। रोहिंग्या भी अवैध रूप से राज्य में प्रवेश कर रहे हैं और राज्य सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। उन्हें भारतीय दस्तावेज दिए जा रहे हैं। तृणमूल एक संगठित योजना के तहत राज्य की जनसांख्यिकी बदलने में जुटी है।

उन्होंने कहा कि 2026 के चुनाव में हिंदू मतदाताओं को एकजुट होकर तृणमूल को सत्ता से बाहर करना होगा, वरना बंगाल को ‘पश्चिम बांग्लादेश’ बनने से रोकना असंभव हो जाएगा।

चटर्जी ने छः प्रैल को होने वाले आईपीएल मैच को कोलकाता से गुवाहाटी स्थानांतरित किए जाने पर राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जिन्होंने महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहा था, वह एक ही दिन आईपीएल मैच और राम नवमी समारोह का आयोजन नहीं करवा सकीं।

उन्होंने कहा, “यह साबित करता है कि ममता बनर्जी के शासन में पुलिस प्रशासन कितना अक्षम है।”

विपक्षी दलों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए चटर्जी ने कहा कि यह विधेयक हर हाल में पारित होगा।

उन्होंने कहा कि जिस तरह हमने राम मंदिर और अनुच्छेद 370 हटाने का वादा पूरा किया, उसी तरह वक्फ (संशोधन) विधेयक और समान नागरिक संहिता को लेकर भी अपने वादे पूरे करेंगे।

तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही इस विधेयक का विरोध कर रही है। उनका पहला विरोध इस प्रस्ताव को लेकर है कि जिला मजिस्ट्रेटों को संबंधित जिलों में वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण करने का अधिकार दिया जाए। तृणमूल का कहना है कि यह सरकारी तंत्र का अनावश्यक दखल है।

दूसरा विरोध उन संपत्तियों को अधिग्रहित करने के प्रस्ताव को लेकर है, जिन्हें मौखिक रूप से वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है। तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार जानबूझकर विभाजनकारी राजनीति कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

सम्बंधित खबर