कांकुड़गाछी में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के चार साल बाद सीबीआई के हत्थे चढ़ा वांछित आरोपित
- Admin Admin
- Jun 26, 2025
कोलकाता, 26 जून (हि. स.)। चार साल तक फरार रहने के बावजूद कानून के हाथ से बच नहीं सका अरुण दे। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद कांकुड़गाछी में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित अरुण दे को आखिरकार सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की गिरफ्तारी से पहले एजेंसी ने उसकी जानकारी देने पर ₹50 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
गुरुवार को सीबीआई में एक बयान जारी कर बताया है कि नारकेलडांगा इलाके का निवासी अरुण दे, हत्या के ठीक बाद से फरार चल रहा था। उसने लगातार चार साल तक अपनी पहचान छिपाए रखी, लेकिन विधानसभा चुनाव 2026 से पहले सीबीआई ने उसे धर दबोचा। अरुण का नाम सीबीआई की वांछित सूची में सबसे ऊपर था।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव 2021 के नतीजे आने के ठीक अगले दिन भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या कर दी गई थी। उस समय अभिजीत की उम्र लगभग 30 वर्ष थी। इस मामले में कुल आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी, जिनमें से पांच को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में नारकेलडांगा थाने की पुलिस ने दो और आरोपितों को पकड़ा। इसके बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया, जिससे राजनीतिक विवाद भी पैदा हुआ।
अभिजीत सरकार के भाई विश्वजीत सरकार ने कई बार सीबीआई कार्यालय जाकर यह जानने की कोशिश की कि जांच कहां तक पहुंची है। उन्होंने तृणमूल विधायक परेश पाल और स्थानीय पार्षद स्वप्न समद्दार के खिलाफ भी कई बार लिखित शिकायतें दी हैं। उनका आरोप है कि हत्या की साजिश में इन नेताओं की भी भूमिका रही है।
यह मामला राज्य में चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा से जुड़ा हुआ है, जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमलों के आरोप लगते रहे हैं। अभिजीत की हत्या भी उसी हिंसक घटनाक्रम का हिस्सा मानी जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर



