सर्वमंगल और विश्वकल्याण की कमान संभालता आया है विप्र समाज : प्रखर जी महाराज

बीकानेर, 16 अक्टूबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय धर्म, संस्कृति एवं समाजोत्थान के लिए समर्पित विप्र फाउंडेशन की ओर से धरणीधर रंगमंच, बीकानेर में भव्य विशेष सभा का आयोजन संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन की अध्यक्षता प्रखर जी महाराज ने की।

कार्यक्रम का शुभारंभ महाराज जी के सान्निध्य में मां गायत्री एवं भगवान परशुराम के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। वेदपाठी विद्यार्थियों द्वारा मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण मंगलमय बना। संचालन विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव भंवर पुरोहित ने किया।

कार्यक्रम संयोजक राजेश चुरा व रामकिशन आचार्य के साथ-साथ धनसुख सारस्वत (प्रदेश अध्यक्ष), दीपक हर्ष (प्रदेश संगठन महामंत्री), नारायण पारीक (प्रदेश सचिव), किशन जोशी (जिला अध्यक्ष), अमित व्यास (जिला संगठन महामंत्री), दिनेश ओझा (प्रदेश संगठन महामंत्री), रमेश उपाध्याय, नरेश पुरोहित, तन्नू काका, पंकज पीपलवा (जिला अध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ), प्रकाश उपाध्याय (युवा प्रकोष्ठ), विजय पाईवाल (युवा प्रकोष्ठ) आदि पदाधिकारियों ने स्वामी प्रखर जी का शॉल ओढ़ाकर एवं भगवान परशुराम की प्रतिमा भेंट कर भावपूर्ण स्वागत किया।

महिला प्रकोष्ठ की ओर से चंद्रकला आचार्य (जिला अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ), सीमा जोशी, शिला आचार्य एवं लक्ष्मी देवी पुरोहित ने स्वागत व संचालन में सक्रिय भागीदारी निभाई। महिलाओं की गरिमामयी उपस्थिति ने समारोह को और भी भव्य बना दिया।

प्रखर जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि ब्राह्मण केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि चरित्र है। यह चरित्र हर युग में विद्यमान रहता है। शास्त्र और शिक्षा ब्राह्मण के बिना अधूरी हैं। ब्राह्मणत्व केवल जाति नहीं, बल्कि आचरण और विचारों की धरोहर है, जो समाज को धर्म और संस्कृति की ओर अग्रसर करता है। विप्र समाज हमेशा सर्वमंगल और विश्वकल्याण की कमान संभालता आया है और भविष्य में भी यही उसका धर्म रहेगा।

रामकिशन आचार्य ने अपने उद्बोधन में पुष्कर (गायत्री शक्तिपीठ, मणिवेदिका पीठ) में 8 मार्च से 19 अप्रैल 2026 तक आयोजित होने वाले 200 कुण्डीय गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ में अधिकाधिक भागीदारी का आह्वान किया। और 5 दिसंबर को पुष्कर में होने वाले भूमि पूजन पर अधिकाधिक उपस्थिति दे।

संत डॉ. सज्जन प्रसाद तिवारी ने कहा कि धर्म रक्षा प्रत्येक मानव का परम कर्तव्य है और सभी वर्गों की इसमें सतत भागीदारी आवश्यक है। बीकानेर शहर के अतिरिक्त नोखा, कोलायत एवं आसपास के गाँवों से भी समाजबंधुओं ने बड़ी संख्या में पहुँचकर आयोजन को ऐतिहासिक सफलता प्रदान की।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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