बजट सरकार की राजनीतिक नीति का सूचक- पत्रकार गिरीश कुबेर 

मुंबई, 6फरवरी (हि. स.) ।किसी भी बजट को विस्तार से समझने के लिए बजट से संबंधित पुस्तिकाओं को ध्यान से पढ़ना चाहिए। सरकार की अर्थ नीति की समझ के बिना हम किसी भी निर्णय के औचित्य और परिणामों को समझने में सक्षम नहीं होंगे। इसलिए, बजट को समझने के लिए, इसके आंतरिक कामकाज का अध्ययन करना आवश्यक है, दैनिक लोकसत्ता के संपादक गिरीश कुबेर ने अपने संबोधन में कहा।

गिरीश कुबेर ने केंद्रीय बजट 2025 के अवसर पर आज ठाणे नगर निगम द्वारा संचालित चिंतामनराव देशमुख प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत भी की। इस दौरान उपायुक्त उमेश बिरारी ने उनका स्वागत किया। परिचयात्मक भाषण उपायुक्त सचिन सांगले ने दिया। इस अवसर पर संस्था के निदेशक महादेव जगताप भी उपस्थित थे।

वरिष्ठ पत्रकार कुबेर ने राजकोषीय घाटे और बजट परिप्रेक्ष्य में इसके अनुपात की विस्तृत व्याख्या की। यह हमेशा याद रखना चाहिए कि कोई भी बजट उस सरकार की राजनीतिक नीति का सूचक होता है। कुबेर ने आगे कहा कि बजट में गिग इकॉनमी के लिए किए गए प्रावधान, बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी, परमाणु ऊर्जा में निजी क्षेत्र के प्रवेश जैसे निर्णयों का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

साथ ही, छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की नीति और कृषि समृद्धि के लिए 100 अनुत्पादक जिलों का चयन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। कुबेर ने यह भी स्पष्ट किया कि इससे रोजगार भी पैदा होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा

   

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