फसल अवशेष जलाने से मृदा एवं पर्यावरण होता है दूषित : डॉ खलील खान
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- Feb 06, 2025
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कानपुर, 06 फरवरी (हि. स.)। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर ग्राम रायपुर में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ग्राम स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें किसानों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। यह बातें गुरुवार को मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने कही।
उन्होंने बताया कि फसल अवशेषों को खेतों में जलाने से मृदा एवं पर्यावरण दूषित होता है। साथ ही जमीन में कम हो रहे सूक्ष्म पोषक तत्वों के बारे में भी लाभकारी जानकारी दी। खेतों में मिलने वाली मशीनों के बारे में विस्तार पूर्वक सुझाव दिए । फसल अवशेषों को जलाने से होने वाली हानियों के बारे में भी अन्नदाताओं को समझाया।
पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने कृषकों से अपील की अपने खेतों में फसल अवशेष ना जलायें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को बीज उत्पादन कर आमदनी बढ़ाना चाहिए और उसके उपाय भी बताये। पराली नहीं जलाएंगे, खेत में मिलाएंगे ऐसे स्लोगन के ज़रिये किसानों को जागरूक किया । फसल अवशेषों का सुंदर काम, उपज बढ़ाने में इनका योगदान लेंगे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शुभम यादव एवं गौरव शुक्ला का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर गांव के प्रगतिशील कृषक राम सिंह, बच्ची लाल,अशोक कुमार, मोहनलाल, रामेश्वर सहित एक सैकड़ा से अधिक कृषक एवं महिला कृषक उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद