मुख्य सचिव डुल्लू ने भारतीय रिजर्व बैंक जम्मू शाखा द्वारा आयोजित 35वीं यूटीएलसीसी बैठक की अध्यक्षता की

जम्मू, 16 जनवरी (हि.स.)। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने आज भारतीय रिजर्व बैंक, जम्मू शाखा द्वारा आयोजित 35वीं केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय समन्वय समिति (यूटीएलसीसी) की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक का उद्देश्य अनधिकृत जमा, अनियमित संस्थाओं की धोखाधड़ी गतिविधियों और हितधारकों के बीच बाजार खुफिया जानकारी साझा करने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना था।

मुख्य सचिव ने यूटी के लोगों के खिलाफ की गई धोखाधड़ी के मामलों का संज्ञान लिया। उन्होंने बीयूडीएस अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत इन ऑनलाइन घोटालेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर जोर दिया।

डुल्लू ने दोहराया कि अपराध करना अपने आप में संज्ञेय अपराध है इसलिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें ताकि लोग उनके जाल में न फंसें। उन्होंने नियामक निकायों को नियमों को अधिसूचित करने का निर्देश दिया ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कार्रवाई करने में सुविधा हो। उन्होंने आरबीआई, सेबी और अन्य को लोगों में जागरूकता पैदा करने और सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और जम्मू-कश्मीर में संचालित बैंकों के माध्यम से लोगों तक इस ज्ञान को प्रसारित करने की सलाह दी। मुख्य सचिव ने आरबीआई अधिकारियों को डिजिटल गिरफ्तारी या ऑनलाइन घोटाले के मामलों में प्रभावी जांच करने में पुलिस अधिकारियों को सशक्त बनाने का निर्देश दिया।

उन्होंने उन्हें कुछ मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित करने के लिए कहा जो जिलों में जाकर पुलिस विभाग के लगभग 5000 जांच अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन लेनदेन हर दिन लोकप्रिय हो रहे हैं और लोग इन अपराधियों के हाथों धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कॉलेजों में छात्रों और ब्लॉक व पंचायतों में ग्रामीणों तक इस तरह के आउटरीच अभियान चलाने पर जोर दिया। उन्होंने लंबित धोखाधड़ी के मामलों के निपटान में हुई प्रगति की भी समीक्षा की और ठोस निवारक कार्रवाई का आह्वान किया जो अन्य लोगों के लिए निवारक के रूप में कार्य करेगी।

उन्होंने संबंधित लोगों से जम्मू-कश्मीर से इस खतरे को खत्म करने के लिए बीयूडीएस अधिनियम और नए अपनाए गए आपराधिक कानूनों की संबंधित धाराओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का आह्वान किया। डुल्लू ने धोखाधड़ी वाले ऐप व वेबसाइटों, निधि की गतिविधियों और जम्मू-कश्मीर के लोगों को ठगने वाली अन्य अपंजीकृत व असंबद्ध संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक चंद्रशेखर आजाद ने साइबर स्पेस में इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों में वृद्धि से निपटने के लिए उठाए जा सकने वाले विभिन्न कदमों पर चर्चा की और सभी हितधारकों के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण का आह्वान किया। उन्होंने ऐसे अपराधों से अधिक प्रभावी तरीके से निपटने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता निर्माण के अलावा जनता में आवश्यक जागरूकता पैदा करने के लिए साक्षरता अभियानों की गति को तेज करने का भी आश्वासन दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

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