कैट ने त्योहारी सीजन में करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना जताई
- Admin Admin
- Oct 14, 2024
- व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारियां की
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (हि.स.)। भारत के सबसे बड़े त्योहार दिवाली एवं उससे जुड़े अन्य त्योहारों की श्रृंखला को लेकर व्यापारी और उपभोक्ता दोनों बेहद उत्साहित हैं। यही वजह है कि इस बार रक्षा बंधन से लेकर दिवाली तक के त्योहारी सीजन में देशर के बाजार गुलजार हैं। इस वर्ष त्योहारी सीजन का व्यापार 4.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का रहा था। त्योहारों के सीजन के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। इसमें भी देशभर के व्यापारी बड़े व्यापार होने की उम्मीद कर रहे हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल को इस त्योहारी सीजन में करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। खंडेलवाल ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि कैट ने देश के विभिन्न राज्यों के 70 शहरों में स्थित व्यापारिक वितरण केंद्रों में व्यापारी संगठनों के बीच हालिया सर्वे कराया है। समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष देशभर में व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर ग्राहकों की मांग एवं पसंद को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।
कैट महामंत्री ने कहा कि इसको देखते हुए इस वर्ष त्योहारी सीजन का व्यापार 4.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष यह आंकड़ा लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का रहा था। खंडेलवाल ने कहा कि अकेले राजधरानी नई दिल्ली में ही इस त्योहारी सीजन के व्यापार का आंकड़ा 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक जा सकता है। खंडेलवाल ने कहा कि त्योहारों के सीजन के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। इसमें भी देशभर के व्यापारी बड़े व्यापार होने की उम्मीद कर रहे हैं। सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस त्योहारी सीजन में लगभग 70 करोड़ ग्राहक बाजारों में खरीदारी करते हैं। इनमें एक ओर 500 रुपये या उससे कम खरीदारी करने वाले लोग हैं। इसीलिए देश में त्योहारों के इस सीजन का महत्व व्यापार की दृष्टि से बेहद ही अहम है।
----------------------------------------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर