सीजीएमएससी के बहुचर्चित घोटाले के मामले में आईएएस भीम सिंह से ईओडब्ल्यू टीम कर रही पूछताछ

रायपुर, 06 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन(सीजीएमएससी) के बहुचर्चित 660 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर गुरुवार को ईओडब्ल्यू क टीम आईएएस भीम सिंह से पूछताछ कर रही है। इस मामले में जांच एजेंसी ने सरकार से अनुमति मिलने के बाद आईएएस भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और पद्मिनी भोई से पूछताछ के लिए समन जारी किया था। इससे पहले बीते बुधवार को सीजीएमएससी के पूर्व एमडी एवं आईएएस चंद्रकांत वर्मा से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की थी। इस मामले से जुड़े मोक्षित कार्पोरेशन के एमडी शशांक चोपड़ा जेल में हैं। स्वास्थ्य विभाग के इस सबसे बड़े घोटाले में दवा कार्पोरेशन, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, स्वास्थ्य संचालनालय से जुड़े कई अफसर शामिल हैं।

प्राथमिक जांच में यह भ्रष्टाचार सामने आने पर भारतीय लेखा एवं लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ को पत्र लिखा था। लेखा परीक्षा की टीम की ओर से छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो पाया गया कि कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीद की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था। ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया। जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया। प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में केमिकल और उपकरण वितरण करना बताया गया। इनमें से 350 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी। ऑडिट टीम के अनुसार स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और अभिकर्मक मांग पत्र जारी किया था।

महालेखाकार ने स्वास्थ्य विभाग को लिखे गए पत्र के बाद वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस शासनकाल में हुए इस भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 2023 में चिकित्सा उपकरण और अभिकर्मक रसायन (रीजन्ट) की खरीद में कथित अनियमितताओं के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और चार कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एसीबी में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, इस अनियमितता के कारण राज्य को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। कथित घोटाले में स्वास्थ्य केंद्रों में इन वस्तुओं की आवश्यकता और उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना अभिकर्मकों और उपकरणों की खरीद शामिल है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में 660 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य उपकरण खरीद में घोटाला प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) छत्तीसगढ़ की आडिट रिपोर्ट से उजागर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान चिकित्सा उपकरण और अभिकर्मक बिना किसी बजट आवंटन के ही खरीद लिए गए। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन ने मोक्षित कार्पोरेशन के माध्यम से करोड़ों की खरीदी कर गड़बड़ी की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

   

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