महासागर क्षेत्र में औषधीय पौधों के अनुसंधान पर शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, 22 देशों के प्रतिनिधि ले रहे हिस्सा
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- Feb 04, 2025
लखनऊ, 4 फरवरी (हि.स.)। भारतीय महासागर क्षेत्र के संदर्भ में औषधीय एवं सगंधित पौधों के अनुसंधान में प्रगति पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग ( डीएसआईआर) महानिदेशिक एवं सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने किया। उन्होंने कहा कि औषधीय एवं सगंधित पौधों के सभी पहलुओं को साकार करने विशेष रूप से व्यापार, स्थिरता और भारतीय महासागर क्षेत्र में वैश्विक परिवर्तन के संदर्भ में और साझाकरण में प्रभावी अंतरराष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण होगा। इससे भारतीय महासागर क्षेत्र में औषधीय एवं सगंधित पौधों से संबंधित व्यापार, स्थिरता और वैश्विक परिवर्तन की महत्वपूर्ण भूमिका में भारत का योगदान सुनिश्चित किया जा सके। सी-मैप में आयोजित सम्मेलन में बारह आईओआरए देशों के बाईस विदेशी प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।डॉ. कलैसेल्वी ने कहा कि भारतीय महासागर क्षेत्र में औषधीय एवं सगंधित पौधों के एक केंद्र बिंदु के रूप में डीएसआईआर-सीमैप हमेशा वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ाने और औषधीय व सगंधित पौधों के विभिन्न क्षेत्रों में सदस्य देशों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए तत्पर रहता है। डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने सदस्य देशों द्वारा सम्मेलन को सफल बनाने के लिए किए गए प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने डीएसआईआर.-सीमैप की वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। डॉ. मोहम्मद रजा संजाबी ने आईओआरए के सदस्य देशों के लाभ के लिए नेटवर्किंग के माहौल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया
इस अवसर पर आईआईटी रोपड़ –टेक्नोलॉजी और इनोवेशन फाउंडेशन (आईहब-अवध) , सुगंध और स्वाद विकास केंद्र कन्नौज के साथ दो समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी किया गया। इसके अतिरिक्त 'वेस्ट टू वेल्थ' पर एक फार्म बुलेटिन और 'वेटिवर आधारित उद्यमिता' पर एक फिल्म का विमोचन भी किया गया।कार्यक्रम में सी एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी, सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन और आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय