मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा को लेकर 27 पुलिस मोटरसाइकिलों को रवाना किया, नए सुधारात्मक उपायों की घोषणा
- Admin Admin
- Feb 16, 2025
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शिमला, 16 फ़रवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ओक ओवर से सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए 27 पुलिस मोटरसाइकिलों को झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें से कांगड़ा जिला पुलिस को 14 और मंडी जिला पुलिस को 13 मोटरसाइकिलें प्रदान की गई हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि जल्द ही शिमला, नूरपुर, मंडी और कांगड़ा जिलों को सड़क सुरक्षा एवं बचाव कार्यों के लिए 42 चौपहिया वाहन, 14 इंटरसेप्टर वाहन और 10 रेस्क्यू वाहन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त इन जिलों के लिए 3,373 सड़क सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए 90 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। अब तक पुलिस विभाग को 5.71 करोड़ रुपये की लागत से 1,200 से अधिक उपकरण प्रदान किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि शिमला में एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रवर्तन प्रणाली स्थापित करने के लिए लगभग 60 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है जो शिमला, कांगड़ा और मंडी जिलों में 450 से अधिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित निगरानी कैमरों से जुड़ी होगी। इस पहल से यातायात नियमों की डिजिटल निगरानी में सुधार होगा और पुलिस की कार्यप्रणाली और प्रभावशीलता में वृद्धि होगी।
सड़क सुरक्षा के मद्देनजर 34.66 करोड़ रुपये के अनुमानित खर्च से एक सामूहिक कार्य योजना बनाई गई है। इसके तहत शिमला जिले के 20 प्रतिशत असुरक्षित संपर्क मार्गों को सुधारने का लक्ष्य है। लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित विभाग इस कार्य को प्रभावी रूप से लागू करने में सहयोग करेंगे।
राज्य में सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए गुड सेमेरिटन लॉ के तहत कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें 300 से अधिक पुलिस और होमगार्ड कर्मियों को जीवन रक्षक तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही 200 से अधिक पुलिस अधिकारियों को यातायात सुरक्षा प्रवर्तन और सड़क दुर्घटना जांच तकनीकों में प्रशिक्षण दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में सड़क सुरक्षा सुधार के प्रयासों का असर दिखने लगा है। राज्य सरकार के नवाचारों के परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं और घायलों की संख्या में कमी आई है। 2023 में 2,253 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2024 में यह आंकड़ा घटकर 2,107 हो गया। वहीं, सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में भी सुधार हुआ है। 2023 में 892 मौतें हुई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 806 हो गई।
मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा को राज्य सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इन सुधारात्मक उपायों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं, और आगामी समय में प्रदेश की सड़कों की सुरक्षा और भी बेहतर होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला