झज्जर जिला प्रशासन ने बाल विवाह रोकने काे आमजन से मांगी मदद

-मैरिज पैलेस, धर्मशाला, बैंड बाजा, टेंट हाउस आदि के संचालकों से वर-वधू के आयु प्रमाण पत्रों को अवश्य जाँचने की अपील

झज्जर, 18 अप्रैल (हि.स.)। अक्षय तृतीया पर संभावित बाल विवाहों को रोकने के उद्देश्य से जिला प्रशासन सतर्क हो गया है।आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में विवाह समारोह होने के अनुमान को देखते हुए अतिरिक्त उपायुक्त सलोनी शर्मा ने शुक्रवार को समाज के सभी वर्गों से सहयोग का आह्वान किया।

एडीसी सलोनी शर्मा ने नागरिकों से अपील है कि कहीं बाल विवाह की सूचना मिलती है तो जिला प्रशासन को सूचित करें। पुजारी, पाठी, गांव के पंच-सरपंच, नंबरदार, सामुदायिक केंद्र, मैरिज पैलेस, धर्मशाला आदि के मालिकों, कार्ड प्रिंटर, फोटोग्राफर, बैंड-बाजा और टेंट हाउस संचालकों से उन्होंने कहा है कि वे विवाह से पूर्व वर-वधू के आयु प्रमाण पत्रों को अवश्य चेक करें और एक प्रति अपने पास सुरक्षित रखें।

एडीसी ने कहा कि सरकार के प्रयासों व सामाजिक जागरूकता से बाल विवाह की बुराई समाज में तेजी से खत्म हो रही है, उन्होंने कहा कि ‘बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006’ के तहत दंडनीय अपराध भी है। कानून के अनुसार लड़की की न्यूनतम विवाह आयु 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष निर्धारित है। इससे कम उम्र में विवाह करना कानूनी अपराध है, जिसकी सजा दो वर्ष तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने के रूप में हो सकती है।

एडीसी ने कहा कि किसी को बाल विवाह की सूचना प्राप्त होती है तो वह निकटतम पुलिस थाना, पुलिस चौकी, आंगनवाड़ी वर्कर, डब्ल्यूसीडीपीओ, बाल संरक्षण अधिकारी, डीपीओ (महिला एवं बाल विकास), एसडीएम, बीडीपीओ, तहसीलदार, सीटीएम, बाल विवाह निषेध अधिकारी या पुलिस कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर 112, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 तथा महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर शिकायत कर सकते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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