चित्तौड़गढ़, 10 दिसंबर (हि.स.)। जिले के बेगूं थाने में प्राेबेशनर सिपाही के तौर पर तैनात कांस्टेबल ने बीती शाम अपनी साथी महिला कांस्टेबल को गोली मार कर खुद के सिर में भी गोली मार दी थी। लेकिन दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर के गीतांजलि अस्पताल में भर्ती कराया है। यहां दोनों की हालत स्थिर बताई जाती है। वहीं इस मामले में पुलिस के ही बड़ी लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। प्रोबेशनर सिपाही को पिस्तौल थमा दी, जो कि देखने में बहुत ही कम सामने आता है। पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि दोनों का उदयपुर में उपचार चल रहा है।
वहीं पूरे घटनाक्रम पर नजर डाले तो प्राेबेशनर कांस्टेबल के रूप में तैनात सिपाही को गनमैन रखने और उसे रिवाॅल्वर थमाने का मामला व्यवस्था की पोल खोलता नजर आ रहा है। आमतौर पर परिवीक्षा काल में कार्यरत सिपाही को गनमैन के रूप में नहीं रखा जाता है। विशेष परिस्थितियों में ही उन्हें हथियार थमाए जाते है, लेकिन बेगूं थाने में परिवीक्षाधीन सिपाही सियाराम को पुलिस उपाधीक्षक अंजलीसिंह का गनमैन रखा हुआ था। गनमैन सियाराम बैरवा ने आपसी विवाद के चलते बेगूं थाने में ही प्राेबेशनर के रूप में तैनात महिला कांस्टेबल पूनम को गाेली मार कर स्वयं ने खुदकुशी का प्रयास किया। इस पूरे घटनाक्रम से सिस्टम पर ही सवाल खड़े हो गए है।
आपसी झगड़े की बात आई सामने
महिला कांस्टेबल पूनम मीणा को गोली मार कर खुद पर ही फायर करने वाले सियाराम बैरवा को लहुलुहान हालत में चित्तौड़गढ़ और फिर उदयपुर रेफर किया गया। इस मामले में जानकारी है कि महिला कांस्टेबल और गनमैन के बीच दोस्ती थी। दोनों ही एक ही बैच में प्रशिक्षण लेकर आए और एक साथ तैनात हुए थे। बेगूं में भी इन दोनों ने निकट ही किराये पर कमरा लिया हुआ था। कुछ दिनों से महिला कांस्टेबल और गनमैन के बीच आपस में मनमुटाव हुआ और महिला कांस्टेबल ने गनमैन से बात करना बंद कर दिया। इसके चलते ही गुस्से में आकर सियाराम बैरवा ने उसे गोली मार कर खुद को भी गोली मार ली। पूनम के सीने से निकली गोली तो सियाराम को जबड़े से होते हुवे सिर को छूते हुवे निकल गई
फेफड़े में फैला था रक्त, चिकित्सकों ने निकाला
जानकारी में सामने आया कि कांस्टेबल सियाराम ने करीब साढ़े 6 बजे महिला कांस्टेबल पूनम को गोली मार दी। गोली उसके हार्ट से कुछ नीचे लगी, जो सीने से आर-पार निकल गई। शुरुआत में रक्त प्रवाह होने के बाद गंभीर हालत में उदयपुर रेफर किया गया। यहां फेफड़ों में फैले रक्त को चिकित्सकों ने बाहर निकाल दिया। उसके बाद उसकी हालत ठीक बताई जाती है। इधर, सियाराम ने अपनी गर्दन में रिवॉल्वर रख गाेली चलाई, जिससे इसके जबड़े पर गंभीर चोट आई। लेकिन उसकी हालत भी खतरे से बाहर बताई जाती है। दोनों का उपचार जारी है। जानकारी के अनुसार बूंदी जिले का रहने वाला सियाराम और दौसा निवासी पूनम दोनों ही 2023 बैच में एक साथ थे और दोनों ही अविवाहित थे। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद तीन महीने पहले पूनम ने कमरा किराये लिया था। इसके साथ उसकी एक और साथी महिला कांस्टेबल दिव्या रहती थी।
चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि बेगूं में हुई घटना के बाद दोनों ही घायलों को उदयपुर रेफर किया गया है। चिकित्सकों ने उपचार के बाद दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई है। आमतौर पर परिवीक्षाधीन पुलिस कार्मिकों को गनमैन आदि नहीं लगाया जाता। विशेष परिस्थितियों में ही हथियार दिए जाते है। फिलहाल दोनों का उपचार प्राथमिकता है। महिला कांस्टेबल की स्थिति ठीक होने के बाद बयान दर्ज किए जाएंगे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / अखिल