लाॅजिस्टिक लागत में कटौती करना सरकार का लक्ष्य: प्रल्हाद जोशी

नई दिल्ली, 2 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि ई-कॉमर्स के तेजी से विस्तार और बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के ध्यान के कारण भंडारण और रसद क्षेत्र को आर्थिक विकास का प्रमुख चालक माना जा रहा है। उन्होंने डिजिटल पहलों के एकीकरण के माध्यम से परिचालन दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही में निगम के प्रयासों की सराहना की।

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी रविवार को यहां केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) के 69वें स्थापना दिवस पर आयोजित

कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जोशी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) जैसी सरकारी पहलों में सीडब्ल्यूसी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, जिससे खाद्यान्न, दालें, कपास और मूंगफली सहित आवश्यक वस्तुओं के कुशल भंडारण, हैंडलिंग और परिवहन को सुनिश्चित किया जा सके। लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए केन्द्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) और पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ हमारा लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत को मौजूदा 13-14 फीसद से घटाकर लगभग 8 फीसद के वैश्विक मानकों पर लाना है। एक अग्रणी वेयरहाउसिंग संगठन के रूप में सीडब्ल्यूसी आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास और दक्षता संवर्द्धन के माध्यम से इन उद्देश्यों का समर्थन करने के लिए तैयार है।

इस अवसर पर मंत्री ने सीडब्ल्यूसी के पारंपरिक वेयरहाउसिंग इकाई से गतिशील लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता में परिवर्तन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी 700 से अधिक गोदामों के व्यापक नेटवर्क और 148.29 लाख मीट्रिक टन की परिचालन भंडारण क्षमता के साथ दक्षता, नवाचार और विश्वसनीयता के प्रतीक के रूप में विकसित हुआ है। वेयरहाउसिंग में भारत की ऐतिहासिक विरासत पर विचार करते हुए जोशी ने कहा कि भारत में भंडारण समाधानों का एक समृद्ध इतिहास है, जो मौर्य और गुप्त साम्राज्यों में सिंधु घाटी सभ्यता और पाटलिपुत्र तक जाता है। आज आधुनिक तकनीक से प्रेरित वेयरहाउसिंग ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है। भारत के वेयरहाउसिंग बाजार के उल्लेखनीय 15फीसदी सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है, जो 2027 तक 35 बिलियन डालर तक पहुंच जाएगा। मंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास में सीडब्ल्यूसी के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया और कहा कि सीडब्ल्यूसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में ₹613 करोड़ के रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय के साथ अपनी भंडारण क्षमता को अतिरिक्त 21.65 लाख वर्ग फुट तक बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि 2021 से इसकी ई-कॉमर्स क्षमता बारह गुना बढ़कर 2025 में लगभग 80 लाख वर्ग फुट हो गई है।

उन्होंने परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना के तहत 820 करोड़ रुपये का निवेश जुटाते हुए 18 स्थानों पर सीडब्ल्यूसी की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की प्रशंसा की। आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत, सीडब्ल्यूसी का लक्ष्य निजी क्षेत्र की भागीदारी, प्रौद्योगिकी उन्नति में निवेश और अनुकूल वातावरण बनाकर एक कुशल और पर्याप्त आपूर्ति श्रृंखला बनाकर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री बीएल वर्मा और निमुबेन जयंतीभाई बंभानिया भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। दोनों मंत्रियों ने अपने संबोधन के दौरान निर्बाध भंडारण आपूर्ति को सक्षम करके राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति सीडब्ल्यूसी की प्रतिबद्धता को दोहराया। 2025-26 विपणन सत्र के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के लिये गए निर्णय को ध्यान में रखते हुए उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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