पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाला : प्रमुख आरोपित काकू की तबीयत बिगड़ने पर आरोप तय करने की प्रक्रिया टली
- Admin Admin
- Dec 30, 2024
कोलकाता, 30 दिसंबर (हि.स.) ।
पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित स्कूल भर्ती घोटाला मामले में कोलकाता की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में आरोप तय करने की प्रक्रिया सोमवार को टाल दी गई। इसका कारण प्रमुख आरोपित सुजय कृष्ण भद्र उर्फ कालीघाट वाले काकू की अचानक तबीयत बिगड़ना और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना रहा।
अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख दो जनवरी तय की है। उस दिन भद्र की चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर विशेष अदालत के न्यायाधीश मामले में आगे की कार्रवाई पर निर्णय देंगे।
एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) द्वारा दायर आरोप पत्रों में नामित सभी आरोपितों को आरोप तय करने के समय अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित रहना अनिवार्य है लेकिन भद्र केअस्पताल में भर्ती होने के कारण यह संभव नहीं हो सका, जिससे प्रक्रिया अगली सुनवाई तक के लिए स्थगित हो गई।
सुजय कृष्ण भद्र, जिन्हें ‘कालीघाट के काकू’ के नाम से भी जाना जाता है, कोलकाता के एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह से अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने सुबह अस्वस्थता की शिकायत की और बेहोश हो गए।
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भद्र पर लगे आरोप और ईडी की कार्रवाई
ईडी ने भद्र को मई 2023 में गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने अपनी पांचवीं और अंतिम चार्जशीट में बताया कि भद्र से जुड़े एक निजी कॉर्पोरेट संस्था से 7.47 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, और 2.70 करोड़ रुपये जब्त करने की प्रक्रिया जारी है। यह कंपनी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की है और केंद्रीय एजेंसी का कहना है कि पूरे राज्य से शिक्षक नियुक्ति के लिए वसूली गई धनराशि, इसी कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर हुए थे। काकू इस कंपनी के सीईओ थे और सब कुछ उन्हीं की देखरेख में होता था।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में कुल 53 लोगों को आरोपित बनाया है, जिनमें 29 व्यक्तिगत नाम और 24 कॉर्पोरेट संस्थाएं या ट्रस्ट शामिल हैं।
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अन्य प्रमुख आरोपित
इस मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, और उनके दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य भी आरोपित हैं। इसके अलावा, पार्थ चटर्जी की दिवंगत पत्नी के नाम पर बने ‘बबली चटर्जी मेमोरियल ट्रस्ट’ को भी हालिया चार्जशीट में आरोपित बनाया गया है।
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सीबीआई की जांच में भद्र का व्यवहार
हाल ही में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ईडी द्वारा दर्ज मामले में भद्र को जमानत दी थी। हालांकि, वह जेल में ही रहे क्योंकि सीबीआई, जो समानांतर जांच कर रही है, ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई के अनुसार, हिरासत में रहते हुए भद्र ने खाना और दवाएं लेने से इनकार कर दिया था, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई।
अब अदालत दो जनवरी को मामले की सुनवाई करेगी। इस दिन भद्र की चिकित्सा स्थिति और अन्य कानूनी पहलुओं के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर