मुख्यमंत्री उमर ने देश के लोकतांत्रिक अभ्यास में विदेशी हस्तक्षेप का किया कड़ा विरोध

omar abdullah


जम्मू, 20 फरवरी । जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग को उन रिपोर्टों पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि अमेरिका ने भारत में मतदान के लिए यूएसडी 21 मिलियन अमरीकी डॉलर खर्च किए हैं।

जम्मू में एक समारोह के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने देश के लोकतांत्रिक अभ्यास में विदेशी हस्तक्षेप का कड़ा विरोध किया।

अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसा (विदेशी हस्तक्षेप) नहीं होना चाहिए। अब तक विदेशी हस्तक्षेप का कोई सबूत नहीं है, चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना होगा कि हमारे चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप हुआ था या नहीं क्योंकि आज तक हमारा मानना है कि हमारे चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुए थे।

मुख्यमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत में मतदाता मतदान पर पैसा खर्च करने की आवश्यकता पर सवाल उठाने के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। ट्रम्प ने यह भी अनुमान लगाया कि पिछला बिडेन प्रशासन देश में किसी और को निर्वाचित करने का प्रयास कर रहा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अमेरिका पर निर्भर करता है कि वह किसे सहायता देना चाहते हैं या नहीं देना चाहते हैं, यह निर्णय हमारा कहां है। अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व में अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग ने हाल ही में व्यय में कटौती की एक श्रृंखला की घोषणा की जिसमें भारत में मतदाता मतदान के लिए आवंटित 21 मिलियन अमरीकी डालर भी शामिल है। दिलचस्प बात यह है कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले उमर और उनके पिता डॉ. फारूक अब्दुल्ला दोनों ने पाकिस्तान के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की। क्षेत्रीय चुनावों के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान के साथ बातचीत का समर्थन किया था और केंद्र की भाजपा नीत सरकार से स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों पर ध्यान देने का आग्रह किया था।

   

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