मुख्यमंत्री ने पूर्णिया में की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी के दिये निर्देश

पटना, 10 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों की कड़ी निगरानी के लिए पूर्णिया समाहरणालय में सुरक्षा संबंधी उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया और सुपौल के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी की गई तैयारियों एवं बरती जा रही चौकसी के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।

प्रस्तुतीकरण में मुख्यमंत्री को महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों,धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर चौकसी, गश्ती एवं आवागमन पर निगरानी, मादक पदार्थों, अवैध आग्नेयास्त्रों, मानव तस्करी की रोकथाम, अग्निशमन, चिकित्सा व्यवस्था, सीमावर्ती क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सहित सुरक्षा संबंधी अन्य महत्वपूर्ण तैयारियों के संबंध में अवगत कराया गया।

बैठक में भारतीय थल सेना, भारतीय वायुसेना, बॉडर सिक्युरिटी फोर्स (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की कार्रवाई के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर उपजे तनाव के मद्देनजर सुरक्षा संबंधी अपनी-अपनी तैयारियों को साझा किया और राज्य सरकार के साथ समन्वय के बिंदुओं पर चर्चा की।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सीधे रूप से पाकिस्तान की सीमा से नहीं लगा हुआ है, लेकिन नेपाल और बांग्लादेश से सटे होने के कारण यहां सर्तकता बरतने की जरूरत है। वर्तमान में भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार तथा भारतीय सेनाओं द्वारा प्रशंसनीय कार्रवाई की गई है। हम सब लोग पूरी तरह से केन्द्र सरकार के साथ हैं। सभी लोगों को मिलकर काम करना है और पूरी सावधानी बरतनी है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सीमावर्ती इलाकों में पूरी तरह से सतर्कता बरतें। सीमा पर स्थित सड़कों पर लगातार गश्ती करते रहें तथा आने-जाने वालों की पूरी जांच करें। साथ ही महत्वपूर्ण सड़कों, पुलों, रेलवे लाईन एवं धार्मिक स्थलों जैसे संवेदनशील स्थानों पर पूरी निगरानी रखें। राज्य सरकार के सभी पदाधिकारी, भारतीय सेना एवं सशस्त्र सीमा बल के पदाधिकारियों के साथ मिलकर काम करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 5 जिलों के अलावा अन्य सीमावर्ती जिलों में भी इसी तरह से सतर्क रहने एवं मिलकर काम करने की आवश्यकता है। सभी जिलों में कड़ी चौकसी रखी जाय। सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर पुलिस बल प्रतिनियुक्त किया जाय। वरीय पदाधिकारी नियमित रूप से गश्ती कर सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेते रहें।

भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी चौकसी रखी जाय। एसएसबी के साथ मिलकर भारत-नेपाल सीमा पर लगातार गश्ती होनी चाहिए। सीमा पर आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जाय। संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाय। सेना के साथ उचित समन्वय सुनिश्चित किया जाए और राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग दिया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम की घटना के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हर प्रकार से सतर्कता बरतने की जरूरत है। आतंकवादी या असामाजिक तत्व किसी व्यक्ति को गुमराह कर या लालच देकर गड़बड़ी करा सकते हैं। इन पर भी विशेष नजर रखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश और सुरक्षा संबंधी की गई तैयारियों के संबंध में पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, अररिया एवं सुपौल के जिलाधिकारियों ने बैठक में अपनी बातें रखीं।

बैठक में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा सहित आर्मी, एयरफोर्स, बीएसएफ, एसएसबी और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी

   

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