चितकारा यूनिवर्सिटी ने 17वें वार्षिक एक्रिडिटेशन कांफ्रेंस की मेजबानी की..
- Vinod Kumar
- Nov 26, 2024
ईएसजी-नेतृत्व वाली दुनिया में उच्च शिक्षा में सामाजिक रूप से प्रभावशाली नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देने पर दिया जोर
चंडीगढ़ 26 नवम्बर 2024
हाल ही में बाकू, अज़रबैजान में संपन्न हुई सीओपी 29 के अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को लेकर वैश्विक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया। तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के बीच, दुनिया भर में बढ़ती बेरोजगारी, पर्यावरण क्षरण और और आय में बढ़ता अंतर बड़ी चुनौतियां बना हुआ है। उत्पादकता में वृद्धि और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा बढ़ती हुई संपन्नता के बावजूद धन को कुछ ही लोगों के हाथों में केंद्रित होने के कारण सामाजिक असमानताएं बढ़ रही हैं, जिससे अशांति की संभावना बढ़ती जा रही है।
देश तेजी से ई.एस.जी. ( एनवायरमेंट, सोशल और गवर्नेंस ) ढांचे को अपना रहे हैं और ऐसे नेतृत्व की मांग बढ़ती जा रही है जो कि तकनीकी विशेषज्ञता को स्थिरता और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ जोड़ते हैं। इस जरूरत को पूरा करते हुए, चितकारा यूनिवर्सिटी ने 17वें वार्षिक इंटरनेशनल एक्रीडिटेशन कांफ्रेंस की 22-23 नवंबर, 2024 को चंडीगढ़ के पास अपने पंजाब कैंपस में मेजबानी की।
“बिल्डिंग सोशली इंपैक्टफुल लीडर्स फॉर ईएसजी लेड वर्ल्ड” विषय पर स्टैंडर्स फॉर एजुकेशनल एडवांसमेंट एंड एक्रिडिटेशन (एसईएए) ट्रस्ट द्वारा इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एसईएए ट्रस्ट के चेयरमैन व कांफ्रेस के कन्वीनर ए. थोथात्री रमन ने ईएसडी प्रिंसीपल और हायर एजुकेशन के संयोजन की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। रमन ने कहा कि “वर्तमान मौसम परिवर्तन के संकट को रोकने के लिए सार्थक रणनीति खोजने में अभी भी देर नहीं हुई है।
सम्मेलन में शिक्षा और उद्योग जगत के भारत समेत अमेरिका, यूरोप, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य देशों से 38 से अधिक प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया। चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि शैक्षणिक संस्थान किस तरह से स्थिरता और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए ईएसजी सिद्धांतों के अनुरूप नेतृत्व को बढ़ावा दे सकते हैं। इस कार्यक्रम में एएसीएसबी, ईएफएमडी, एएमबीए, बीजीए, एसीबीएसपी, आईएसीबीई, एसएक्यूएस एथिया व पेरेग्रीन ग्लोबल जैसे एक्रिडिटेशन बाडीज की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित किया। जिन्होंने ईएसजी फ्रेमवर्क को यूनिवर्सिटी एक्रिडिटेशन प्रोसेस में शामिल करने पर विचारों का साझा किया।
चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉ. मधु चितकारा, ने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “सही इनपुट और जानकारियों के साथ, हायर एजुकेशन के छात्र वास्तव में भविष्य के विश्व को आकार देने में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। "
सम्मेलन में चितकारा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. संधीर शर्मा भी उपस्थित थे जिन्होंने ईएसजी और उच्च शिक्षा पर सार्थक संवाद को आगे बढ़ाने के अपने मिशन का समर्थन किया।
इस आयोजन में ईएसजी प्रेक्टिसेस व प्रैक्टिकल नॉलेज देने के लिए अगली पीढ़ी के नेतृत्व को समस्याओं से निपटने के लिए तैयार करने हेतु और नवीन समाधानों की खोज करने, वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सार्थक सहयोग का एक गतिशील मंच के रूप में कार्य किया। कांफ्रेंस का उद्देश्य हरित और समानता वाले विश्व को बनाने के लिए वैश्विक आंदोलन को आगे बढ़ाना है।