नशे की लत और अराजकता की समस्याओं से निपटने के लिए हमें युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना होगा: गुलाब चंद कटारिया, राज्यपाल, पंजाब
चंडीगढ़, 13 नवंबर, 2024: पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है जो 2047 तक भारत के समान विकास के सपने को पूरा कर सकता है। जब पंजाब ने 1965 के युद्ध के बाद भारत की खाद्यान्न की कमी को हल किया, तो उसने न केवल हमारी भूख की समस्या को हल किया, बल्कि दुनिया के अन्य देशों को भी भोजन उपलब्ध कराया। यह बात पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने वर्ल्ड पंजाबी आर्गेनाईजेशन के इंटरनेशनल प्रेसिडेंट तथा राज्य सभा सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी द्वारा पंजाब डेवेलपमेंट कमीशन और पंजाब यूनिवर्सिटी के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कॉन्क्लेव’ ‘पंजाब विजन 2047’ के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा।
धान की पराली जलाने और वायु प्रदूषण के मुद्दे पर बात करते हुए कटारिया ने कहा कि हमें कानून से परे जाना होगा. पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कानून कोई समाधान नहीं हो सकता। जब धान की फसल काटने के बाद अगली फसल बोने का अंतर इतना कम होगा तो किसान खेत कैसे साफ़ करेगा? हमें ऐसे समाधान के बारे में सोचना होगा जो सभी को स्वीकार्य हो और पर्यावरण के लिए भी अनुकूल हो।'' इसी तरह, हमें इस बात पर शोध करना होगा कि फसल की उत्पादकता को नुकसान पहुंचाए बिना कृषि रसायनों का उपयोग कैसे रोका जाए।
पंजाब की अर्थव्यवस्था के कायाकल्प की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए कटारिया ने कहा कि जब तक कानून और व्यवस्था की समस्या हल नहीं हो जाती, निवेशक पंजाब में आने से कतराएँगे। उन्होंने कहा कि हमें सोचना होगा कि युवाओं को कैसे शामिल किया जाए ताकि असामाजिक तत्व उनका दुरुपयोग न कर सकें। शैक्षणिक संस्थानों को अपने प्रशिक्षण में सुधार करने की आवश्यकता है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े होने में सक्षम हो सकें। नशाखोरी समेत कई मुद्दों का बड़ा समाधान रोजगार है।''
इस अवसर पर बोलते हुए, राज्यसभा सांसद और पंजाब विज़न 2047 कॉन्क्लेव के आयोजक डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने राज्यपाल से पंजाब से जुड़े कुछ मुद्दों को हल करने में मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, "व्यापार के लिए वाघा सीमा को फिर से खोलने से पंजाब को अपने उत्पादों को मध्य एशिया में भेजने में मदद मिल सकती है। मोहाली और अमृतसर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कमी उद्योग के विस्तार में बाधा बन रही है। हमें गेहूं और धान के अलावा अन्य फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की भी आवश्यकता है, जो पंजाब की खेती और पारिस्थितिकी संकट को हल कर सकता है।"
इससे पहले दिन में, राज्यसभा सांसद, आध्यात्मिक गुरु और पर्यावरण कार्यकर्ता बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब की पारिस्थितिकी की खराब स्थिति पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि हम खुद को शिक्षित कहते हैं, लेकिन हमारी उपलब्धियां हमारी नदियों, हवा और जमीन में देखी जा सकती हैं। जब हम कम साक्षर थे, तब हमारा पर्यावरण ज्यादा सुरक्षित था। बाबा सीचेवाल ने सीवेज के पानी को रीसाइकिल करने और दोबारा इस्तेमाल करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की जरूरत के बारे में भी बात की। द नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पहले ही उन शहरों पर जुर्माना लगाने का आदेश दे चुका है जो अपने सीवेज का ट्रीटमेंट नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पहले ही कई गांवों में सिवरेज ट्रीटमेंट के लिए स्थिरीकरण तालाब स्थापित करके यह दिखा चुके हैं कि कम लागत पर यह कैसे किया जा सकता है। इस प्रकार ट्रीटेड वाटर का खेतों की सिंचाई में पुन: उपयोग किया जाता है।
पापुलेशन कंट्रोल सिस्टम के बारे में बात करते हुए बुड्ढा दरिया रेजुवनेशन प्रोजेक्ट के लिए स्पेशल टास्क फोर्स के पूर्व सदस्य कर्नल जसजीत सिंह गिल ने कहा कि हमें सबसे पहले पंजाब पापुलेशन कंट्रोल बोर्ड के भीतर भ्रष्टाचार और उद्योगों के कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप से निपटना होगा।
फिस्कल प्रूडेंस पर आयोजित सत्र में आईएएस अजय कुमार सिन्हा ने बाजार से ऋण पर लिए गए धन को केवल वेतन देने पर खर्च करने के बजाय ऐसे क्षेत्रों में खर्च करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे अच्छा रिटर्न मिल सके।
कर्नाटक के पूर्व मुख्य सचिव चिरंजीव सिंह ने कहा कि पंजाब को कर्नाटका से वित्तीय विकास के मामले में बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने 1980 के दशक में एक प्रभावशाली शिक्षा प्रणाली बनाई थी, जिसने बेंगलुरू को आईटी हब बनाने में मदद की। पंजाब को विशेष रूप से प्राथमिक शिक्षा में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
पंजाब से प्रतिभा पलायन के मुद्दे पर, एआईपीएल लिमिटेड के चेयरमैन दलजीत सिंह ने ग्रीन एनर्जी में कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है। पंजाब स्किल डेवेलपमेंट मिशन के डायरेक्टर अमृत सिंह ने सभा को ऑनलाइन पोर्टल के बारे में सूचित किया जो श्रमिकों को कंपनियों से रोजगार के अवसरों से जोड़ता है।