राजौरी में वंचित समुदाय के लिए कोचिंग क्लासेस आयोजित की
- Neha Gupta
- Jan 04, 2025

जम्मू, 4 जनवरी (हि.स.)। वंचित समुदायों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के एक सराहनीय प्रयास में भारतीय सेना ने राजौरी जिले के पीर पंजाल रेंज के ऊंचे इलाकों में गुज्जर और बकरवाल बच्चों के लिए समोट में विशेष कोचिंग क्लासेस आयोजित की। ये बच्चे प्रवासी परिवारों का हिस्सा हैं जो गर्मियों के दौरान अपने पशुओं के साथ हरियाली वाले चरागाहों की ओर चले जाते हैं और इस कारण से अक्सर छह से आठ महीने की औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए भारतीय सेना ने उनके प्रवास काल के दौरान शिक्षा की कमी को पूरा करने के लिए ये कोचिंग क्लासेस शुरू कीं।
इस पहल से लगभग 65 बच्चों को लाभ हुआ जिसका उद्देश्य प्रवासी जीवनशैली के बावजूद शिक्षा तक निरंतर पहुँच सुनिश्चित करना और सीखने में उनकी रुचि बनाए रखना था। कक्षाओं में बच्चों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई तरह के विषय शामिल थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपनी पढ़ाई में पीछे न रहें। नागरिक प्रशासन ने भारतीय सेना के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की है तथा इन युवा शिक्षार्थियों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की इसकी क्षमता को पहचाना है। एक नागरिक अधिकारी ने टिप्पणी की यह पहल गुज्जर और बकरवाल समुदायों के बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य की दिशा में एक कदम है जो उन्हें आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करती है।
दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में शिक्षा का समर्थन करने के लिए भारतीय सेना के निरंतर प्रयास समग्र सामुदायिक विकास और सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं। यह कार्यक्रम न केवल इन बच्चों की तत्काल शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करता है बल्कि बेहतर भविष्य के लिए आशा और आकांक्षा को भी बढ़ावा देता है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा