इतिहास के पन्नों से 29 दिसंबरः 'रामायण' को टेलीविजन पर उतार कर बदल दी थी मनोरंजन जगत की धारा

ऐसा फिल्मकार जिसने टेलीविजन देखने का नजरिया बदल कर रख दिया। ऐसा दूरदर्शी निर्माता-निर्देशक जिसने शुरुआत में ही यह जान लिया था कि श्रीराम के नाम पर किस तरह मनोरंजन जगत की धारा भी मोड़ी जा सकती है। उन्होंने इसे साबित कर दिखाया। इस फिल्मकार का नाम था- रामानंद सागर। उन्हें टीवी इतिहास के सर्वाधिक लोकप्रिय धारावाहिक 'रामायण' बनाने के लिए जाना जाता है।

29 दिसम्बर 1927 को रामानन्द सागर का जन्म अविभाजित भारत के लाहौर जिले के असलगुरु ग्राम नामक स्थान पर एक धनी परिवार में हुआ था। 1947 में देश के विभाजन के बाद रामानन्द सागर सबकुछ छोड़ कर सपरिवार भारत आ गए। वे जब मातृभूमि से बिछुड़ कर युवावस्था में शरणार्थी बन भारत आए,उनकी जेब में पैसा तो नहीं था लेकिन अपने धर्म व संस्कृति के प्रति असीम अनुराग की संपदा जरूर थी। इसी वजह से जब उन्हें अवसर मिला तो उन्होंने रामायण, श्रीकृष्ण, जय गंगा मैया और जय महालक्ष्मी जैसी धार्मिक धारावाहिकों का निर्माण किया।

1940 के दशक से ही रामानंद सागर का झुकाव फिल्मों की ओर था लेकिन फ़िल्म जगत में उस समय एंट्री ली,जब उन्होंने राज कपूर की सुपरहिट फ़िल्म 'बरसात' के लिए स्क्रीनप्ले और कहानी लिखी। साल 1950 में रामानन्द सागर ने प्रोडक्शन कंपनी सागर आर्ट कॉरपोरेशन शुरू की थी और 'मेहमान'नामक फ़िल्म के द्वारा इस कंपनी की शुरुआत की। बाद में उन्होंने इंसानियत, कोहिनूर, पैगाम, आँखें, ललकार, चरस, आरज़ू, गीत और बग़ावत जैसी हिट फ़िल्में बनाईं। साल 1985 में वह छोटे परदे की दुनिया में आए और 80 के दशक में रामायण टीवी सीरियल के साथ रामानंद सागर का नाम घर-घर में पहुँच गया। उन्होंने 50 से अधिक फ़िल्मों के संवाद भी लिखे।

साल 2001 में रामानन्द सागर को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें फ़िल्म 'आँखें'के निर्देशन के लिए फ़िल्मफेयर पुरस्कार और फिल्म 'पैग़ाम'के लिए लेखक का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला। 12 दिसम्बर 2005 की देर रात मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया।

अन्य अहम घटनाएंः

2012- पाकिस्तान में पेशावर के समीप आतंकी हमले में 21 सुरक्षाकर्मी मारे गये।

2006- चीन ने राष्ट्रीय रक्षा पर श्वेत पत्र जारी किया।

2004- सुनामी लहरों के कारण इंडोनेशिया में मरने वालों की संख्या 60,000 पहुँची।

2002- पाकिस्तानी पर्यटकों को भारत के तीन शहरों में घूमने की अनुमति।

1996- नाटो के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए एकत्र होकर कार्य करने के मुद्दे पर रूस एवं चीन में सहमति।

1989- वाक्लाव हाबेल 1948 के बाद पहली बार चेकोस्लोवाकिया के ग़ैर-साम्यवादी राष्ट्रपति चुने गये।

1988- ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरियाई पोस्ट ऑफिस संग्रहालय बंद हुआ।

1985- श्रीलंका ने 43,000 भारतीयों को नागरिकता प्रदान की।

1984- कांग्रेस ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे भारी बहुमत से संसदीय चुनाव जीता, 28 सीटें जीतकर तेलुगु देशम सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी।

1983- भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में अधिकतम 236 रन वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाये।

1978- स्पेन में संविधान प्रभाव में आया।

1977- विश्व का सबसे बड़ा ओपन एयर थियेटर 'ड्राइव' बंबई (अब मुम्बई) में खुला।

1975- ब्रिटेन में महिलाओं और पुरुषों के समान अधिकारों से जुड़ा क़ानून लागू।

1972- कलकत्ता में मेट्रो रेल का काम शुरू हुआ।

1949- यूरोपीय देश हंगरी में उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया।

1922- नीदरलैंड ने संविधान अंगीकार किया।

1911- मंगोलिया किंग वंश के शासन से आजाद हुआ।

1845- टेक्सास अमेरिका का 28वां राज्य बना।

1778- ब्रिटेन की सेना ने अमेरिकी राज्य जॉर्जिया पर क़ब्ज़ा किया।

1530- मुग़ल शासक बाबर का बेटा हुमायूं उसका उत्तराधिकारी बना।

जन्म

1948- सुधीश पचौरी- प्रसिद्ध आलोचक, प्रमुख मीडिया विश्लेषक, साहित्यकार, स्तंभकार और वरिष्ठ मीडिया समीक्षक।

1944- वीरेन्द्र वीर विक्रम शाह- नेपाल के राजा और दक्षिण एशियाई नेता थे।

1942- राजेश खन्ना- हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता।

1917- रामानन्द सागर- प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म निर्देशक तथा ख्यातिप्राप्त धारावाहिक 'रामायण' के निर्माता।

1904- कुप्पाली वेंकटप्पा पुटप्पा- कन्नड़ भाषा के कवि व लेखक थे।

1900- दीनानाथ मंगेशकर- मराठी रंगमंच के प्रसिद्ध अभिनेता,गायक,शास्त्रीय संगीतज्ञ तथा नाट्य संगीतकार थे।

1881- गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी- प्रसिद्ध साहित्यकार थे।

1844- उमेश चन्‍द्र बनर्जी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष।

निधन

2019- स्वामी विश्वेशतीर्थ- हिन्दू संत और पेजावर मठ के प्रमुख थे।

2008- मंजीत बावा- सुप्रसिद्ध चित्रकार।

2003- शिवराज रामशरण- भारतीय वैज्ञानिक थे।

1998- रेगर सक्रेबर- विश्व के पहले परमाणु बम बनाने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक।

1967- ओंकारनाथ ठाकुर- प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री, संगीतज्ञ एवं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक।

1927- हकीम अजमल ख़ाँ- राष्ट्रीय विचारधारा समर्थक और यूनानी पद्धति के प्रसिद्ध चिकित्सक।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव पाश

   

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