
आप पार्टी की महिला विंग की प्रधान और पार्षद प्रेमलता ने कल मेयर द्वारा दिए झूठे बयान की निंदा की जिसमें मेयर ने कहा कि उनको निगम के 90 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। जबकि अभी निगम की पिछली हाउस मीटिंग में इस मुद्दे को हमारी पार्टी ने इस मुद्दे को Table एजेंडे के रूप में दिया था और यह मेयर की पूरी तरह से जानकारी में था अब जनता में यह कहना कि यह मुद्दा उसकी जानकारी में नहीं है बिल्कुल झूठ है इससे मेयर की कार्यशैली की पोल एक बार फिर खुल गई की उसको ना निगम की , ना जनता के हित की और ना ही निगम के कर्मचारियों के हित की कोई चिंता है और उसे सिर्फ और सिर्फ अपने फोटो शूट ही करने है । पिछली हाउस मीटिंग में हम कुछ पार्षद यदि डंपिंग ग्राउंड के प्रस्तावित टेंडर के विरुद्ध आवाज न उठाते तो आज निगम को सैंकड़ों करोड़ों के नुकसान को झेलना पड़ता बीजेपी और मेयर ना तो दिल्ली से निगम के लिए पैसे ले कर आ सकी और ना ही कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से तनख्वाह दिलवा सकी अब तो कर्मचारियों को नौकरी से ही निकलवा रहे है और साथ में झूठ बोल रही हैं कि उनकी जानकारी में नहीं और मेयर ने कुर्सी पर बैठते ही पानी, बिजली, पार्किंग, कमर्शियल प्रॉपर्टी और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी सब पर भी टैक्स बढ़ा कर चंडीगढ़ की जनता को जीवन ही दूभर कर दिया है। एक तरफ तो मेयर और निगम अपने तुगलकी फरमान द्वारा चंडीगढ़ की जनता पर तीन चार गुना tax का भोज डाल दिया गया है और दूसरी तरफ उन्हें नौकरी से भी निकाले जा रहे हैं जिसके चलते ना तो वो अपना चूल्हा जला सकेंगे और ना ही कोई tax दे सकेंगे ।
मेयर प्रशासन के दफ्तरों पर सैंकड़ों करोड़ों के टैक्स एरियर को वसूल करने में असफल है यदि इस टैक्स एरियर की वसूली हो जाए तो ना सिर्फ आम जनता को भारी टैक्स के बोझ से मुक्त रखा जा सकता है वल्कि कर्मचारियों को भी उनकी तनख्वाह मिल सकती है ।