पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल नहीं रहे, लातूर में घर पर ली अंतिम सांस

लातूर (महाराष्ट्र), 12 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल का आज सुबह लातूर में उनके आवास पर निधन हो गया। 90 वर्षीय पाटिल ने अपने घर पर आखिरी सांस ली। वह कुछ समय से अवस्थ थे। उनके परिवार के एक सदस्य ने यह जानकारी दी। उनका जन्म 12 अक्टूबर, 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकुर गांव में हुआ था। भारतीय राजनीति में एक हस्ती के रूप में उन्हें संसद, केंद्र सरकार और राज्य विधानसभाओं में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों वाले अपने लंबे और प्रतिष्ठित करियर के लिए याद किया जाता है।

पाटिल ने लोकसभा के 10वें अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और सार्वजनिक जीवन में चार दशकों से अधिक समय तक कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

पाटिल ने 1980 में राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया। वह इस साल पहली बार सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए और 2004 तक लगातार सात कार्यकाल तक सदस्य बने रहे। 1980-1990 की अवधि के दौरान उन्होंने संसद सदस्यों के वेतन और भत्तों पर संयुक्त समिति में कार्य किया। बाद में इसके अध्यक्ष बने। संसद में उनका कार्यकाल विभिन्न मंत्रालयों में व्यापक कार्य के लिए जाना जाता है। उन्होंने रक्षा, वाणिज्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, अंतरिक्ष और महासागर विकास, जैव-प्रौद्योगिकी, कार्मिक और प्रशिक्षण, सार्वजनिक शिकायतें और पेंशन, प्रशासनिक सुधार, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन और पर्यटन सहित कई विभागों में राज्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

वह 2004 से 2008 देश के गृहमंत्री रहे। 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद उन्होंने सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 30 नवंबर, 2008 को इस्तीफा दे दिया। 2010 और 2015 के बीच पाटिल ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासक के तौर पर काम किया। राष्ट्रीय राजनीति में चमकने से पहले पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा के दो बार सदस्य रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

   

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