वंचित परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ें हम सबका सबका नैतिक दायित्व: राज्यपाल

लखनऊ, 13 अप्रैल (हि.स.)। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को कहा कि हम सबका नैतिक दायित्व है कि हम गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ें। जो बच्चे भीख मांगने जैसी गतिविधियों में लिप्त हैं, उन्हें वहां से निकालकर स्कूल की दहलीज तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य होना चाहिए। सच्चा विकसित भारत वही है जहां न कोई गरीब रहे, न कोई अशिक्षित, न कोई भूखा, तभी भारत वास्तव में समृद्ध और सुखी नागरिकों वाला देश बन सकेगा।

राज्यपाल सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित 14वें अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव 2025 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं। उन्हाेंने महोत्सव में चयनित उत्कृष्ट फिल्मों को पुरस्कृत किया और कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों की रचनात्मकता को नई दिशा मिलती है। बाल फिल्म महोत्सव की सराहना करते हुए कहा कि इस फिल्म फेस्टिवल के माध्यम से बच्चों ने अवश्य ही बहुत कुछ सीखा होगा, जो भविष्य में उनके जीवन को सकारात्मक दिशा देगा। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों को उनकी प्रतिभा और रुचि के अनुसार उचित दिशा देने का प्रयास करें। उन्होंने कहाकि सबसे पहले बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाना चाहिए। जब बच्चे अच्छे इंसान बनेंगे, तभी वे आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर या अन्य पेशेवर बनकर समाज की सेवा कर सकेंगे।

राज्यपाल ने बताया उन्होंने राज्य के अनेक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘दहेज प्रथा’, ‘बाल विवाह’ और ‘विकसित भारत’ जैसे विषयों पर प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित करवाए हैं, ताकि युवा वर्ग सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक हो सके। उन्होंने कहा कि जब कोई लड़की बहू बनकर हमारे घर आती है, तो हमें उसे बेटी की तरह प्यार देना चाहिए, और दहेज जैसी मांगें समाज से समाप्त करनी चाहिए।

उन्होंने विकसित भारत के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं’ की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि जब देश की आधी आबादी हमारी महिलाओं के कौशल और सामर्थ्य का उपयोग सही दिशा में होगा, तभी भारत सच्चे अर्थों में विकसित बन सकेगा। सरकार महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमारे गांवों की महिलाएं भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए ड्रोन चला रही हैं और आत्मनिर्भर बनकर देश के विकास में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि वे असंभव को संभव बना सकती हैं और हर दायित्व को अत्यंत कुशलता और निष्ठा के साथ निभा सकती हैं। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हमें और अधिक अवसर, समर्थन और प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए, ताकि उनकी प्रतिभा और ऊर्जा का संपूर्ण उपयोग देश की प्रगति में हो सके।

उन्होंने अपने संबोधन में समाज के उन गरीब एवं श्रमजीवी वर्ग का विशेष रूप से उल्लेख किया, जो बिना किसी औपचारिक शिक्षा या प्रशिक्षण के केवल अपने अनुभव और कौशल के बल पर उत्कृष्ट निर्माण कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि इनका कौशल हमारे देश की बहुमूल्य संपत्ति है और हमें ऐसे लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर उनके हुनर का देश की समृद्धि के लिए सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हमें अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे लोगों को साथ लेकर सामूहिक रूप से संकल्प लेना चाहिए।

इस अवसर पर सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की संस्थापिका एवं निदेशिका डॉ. भारती गांधी, प्रबन्धक सिटी मॉन्टेसरी स्कूल प्रो.गीता गांधी किंगडन, फिल्म जगत से जुड़े गणमान्यजन, विद्यालय की समस्त शाखाओं के शिक्षकगण, प्रधानाध्यापिकाएं एवं विद्यार्थी, अन्य विद्यालयों के बच्चे, लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / दीपक वरुण

   

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