गौरीकुंड हाईवे को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने वाले एप्रोच पुल के पुश्तों का निर्माण शुरू
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- Mar 11, 2025

वर्ष 2015-16 में बीआरओ ने बनाया था 95 मीटर स्पान का पुल
रुद्रप्रयाग, 11 मार्च (हि.स.)। गौरीकुंड हाईवे को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने वाले जवाड़ी बाईपास पर अलकनंदा नदी पर निर्मित 95 मीटर स्पान लंबे पुल के दोनों तरफ से डिजायन एप्रोच पुश्तों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से इस कार्य के लिए 7 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है। एप्रोच पुश्तों के कार्य के चलते बाईपास से वाहनों का संचालन बंद कर दिया गया है। एनएच ने 15 अप्रैल तक कार्य पूरा कर यातायात संचालन की बात कही है।
वर्ष 2004 में 3.5 किमी बाईपास का निर्माण किया गया था। इस बाईपास को गौरीकुंड और बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए मंदाकिनी और अलकनंदा नदी पर दो मोटर पुल बनाए गए हैं। अलकनंदा नदी पर वर्ष 2015-16 में बीआरओ ने 95 मीटर स्पान लंबे पुल का निर्माण पूरा कर एनएच को हैंडओवर किया था। तब, पुल को बाईपास से जोड़ने के लिए दोनों तरफ कच्चे एप्रोच पुश्तों का निर्माण किया गया था, जिसके माध्यम से वाहन संचालित हो रहे थे। अब, पुल के दोनों तरफ डिजायन वाले मजबूत आरसीसी पुश्तों का निर्माण कार्य की स्वीकृति मिलने के साथ ही धनराशि जारी कर दी है। कार्यदायी संस्था आरजीबी द्वारा कार्य भी शुरू कर दिया गया है, जिसके तहत 80 मीटर लंबी और 11 मीटर ऊंची आरसीसी दीवार बनाई जानी है। साथ ही अन्य तीन तरफ से 20-20 मीटर लंबी और 11 मीटर ऊंची आरसीसी दीवार का निर्माण होना है। इधर, रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने मौके पर पहुंचकर कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यदायी संस्था और एनएच के अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए।
सुबह कच्चा पुश्ता धंसने से बंद हुआ यातायात
इधर, मंगलवार को जवाड़ी बाईपास पर वन विभाग की तरफ वाले कच्चे पुश्ते का एक हिस्सा धंस गया था, जिससे यातायात बंद हो गया था। इसके बाद एनएच ने मशीन की मदद से पूरे हिस्से को ही पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया और बाईपास से यातायात संचालन को कार्य पूरा होने तक बंद कर दिया गया है।
एनएच के ईई ओंकार पांडे ने बताया कि जब पुल बना था, जब दोनों तरफ से कच्चे पुश्ते बनाए थे, जिनमें मिट्टी भरी हुई थी। जैसे ही रेटनिंग वॉल लगाने के लिए मशीन से मिट्टी हटाई जा रही थी, पुश्ता का हिस्सा धंस गया। इसके बाद इस पूरे कच्चे हिस्से को मशीन से पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है।
निर्माण के दौरान पुल का टूटा था ढांचा
जवाड़ी बाईपास का निर्माण 2003-04 में शुरू किया गया था। बाईपास पर दो पुल भी स्वीकृत किए गए थे, जिसमें मंदाकिनी नदी पर पुल का कार्य आसानी से पूरा हो गया था लेकिन, अलकनंदा नदी पर पुल निर्माण के दौरान पहली बार पूरा स्ट्रक्चर ही ध्वस्त हो गया था। उसके बाद कई वर्षों तक कार्य बंद रहा। बाद में बीआरओ ने पुल का डिजायन बदलकर वर्ष 2015-16 में इसे पूरा किया था।
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड लोनिवि के अधिशासी अभियंता ओंकार पांडे ने बताया कि रैंतोली-जवाड़ी बाईपास पर अलकनंदा नदी पर निर्मित पुल के दोनों तरफ से आरसीसी एप्रोच पुश्तों का कार्य शुरू कर दिया गया है। पुल के एक तरफ 80 मीटर लंबी आरसीसी दीवार बनाई जानी है, जिसका कार्य प्रगति पर है। साथ ही अन्य तीन तरफ से भी 20-20 मीटर लंबी आरसीसी दीवार बनेंगी। आगामी 15 अप्रैल तक हरहाल में पुल के एप्रोच पुश्तों का कार्य पूरा कर दिया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal