जींद के गांवाें में मिलेगा साफ पानी, विभाग ने शुरू किया सर्वेक्षण 

जींद, 10 जनवरी (हि.स.)। जिले में हर घर स्वच्छ जल पहुंचाने की कोशिश विभाग ने तेज कर दी है। जिसके तहत स्वच्छता सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिले के 580 पीडब्लूएस पेयजल स्त्रोत से 210 का सर्वे किया जा चुका है। इस सर्वेक्षण के जरिये पानी की गुणवता की जांच तो की ही जा रही है, साथ ही जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा सप्लाई किये जा रहे पानी के दूषित होने के कारणों को भी तलाशा जा रहा है।

जिला सलाहकार रणधीर मताना व खंड समन्वयक बलवान सिंह ने शुक्रवार काे गांव बसीनी, अंटा, बड़ोद, खातला, भूसलाना सहित दर्जनों गांव के टयूबवेलो का निरीक्षण किया और साफ -सफाई बनाये रखने व फूलदार पोध लगाने के लिए ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति से बातचीत की। इसके साथ ही पेयजल सप्लाई के साथ क्लोरीनेशन की उपयोगीता भी बताई । इस मौके पर जिला सलाहकार ने कहा कि जिलावासियों को स्वच्छ जल देने पर वर्ष 2024 के दौरान स्वच्छता सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसमें पता लगाया जा रहा है कि पेयजल लाइन में किन जगहों पर पानी की जल निकासी की स्थिति खराब हो चुकी है। इस वर्ष सर्वे के साथ ही इन खामियों को दूरूस्त करने की कवायद की जा रही है। इन तमाम कावायदों के बावजूद अभी भी हर व्यक्ति को स्वच्छ जल मुहैया करवाने के प्रयास को लगातार जारी रखने की संभावना को इंकार नही किया जा सकता।

सर्वे में सत्रोत के इन बातों की करी गई जांच

1. सीमेंट के फर्श पर कोई दरार या दोष है।

2. शुष्क मौसम के दौरान टयूबवैल की प्राइमिंग की आवश्यकता है।

3. कुएं के चारों ओर सीमेंट का एक मीटर से कम चौडा है।

4. जल निकासी खराब है जिससे 2 मीटर के भीतर पानी रूक जाता है।

5. कोई दोषपूर्ण जल निकासी चौनल है, क्या यह टूटा हुआ है, जिससे तलाब बन रहा है।

6. 10 मीटर के भीतर शौचालय है या नहीं।

7. 10 मीटर के आसपास प्रदूषण का कोई अन्य स्त्रोत तो नही।

8. क्लोरिन जांच भी की जा रही है या नहीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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