डीसी ने बिजली परिदृश्य की समीक्षा की, सौर ऊर्जा अपनाने और स्मार्ट मीटरिंग पर दिया जोर

कठुआ 04 जनवरी (हि.स.)। डीसी कठुआ राकेश मिन्हास ने जिले के बिजली परिदृश्य की व्यापक समीक्षा की, जिसमें ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और सरकारी योजनाओं के तहत अक्षय ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

जिले में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजीएमबीवाई) के कार्यान्वयन का आकलन करते हुए डॉ. मिन्हास ने 3 किलोवाट तक बिजली खपत वाले मध्यम वर्ग के परिवारों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस योजना के तहत सौर ऊर्जा इकाइयों पर आकर्षक 60 प्रतिशत सब्सिडी पर प्रकाश डाला, जो उपभोक्ताओं के एक बड़े वर्ग के लिए पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को काफी कम करता है। उपायुक्त ने पीडीडी और जेएंडके बैंक के अधिकारियों को योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और ग्राहक के योगदान के लिए आसान ऋण तक पहुंच को सरल बनाने के लिए मिलकर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सौर ऊर्जा प्रणालियों को व्यापक रूप से अपनाने से जिले के बिजली बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलेगा।

डॉ. मिन्हास ने पीडीडी अधिकारियों और बीडीओ को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता शिविर आयोजित करें ताकि जनता को पीएमएसजीएमबीवाई के तहत सौर ऊर्जा के लाभों के बारे में शिक्षित किया जा सके जो अत्यधिक रियायती दरों पर उपलब्ध है। उन्होंने प्रति माह 550 नई सौर इकाई स्थापना का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया और सरकारी कर्मचारियों को इस योजना के लिए पंजीकरण करके सौर ऊर्जा समाधान अपनाकर उदाहरण पेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। स्मार्ट मीटरिंग की प्रगति की समीक्षा करते हुए डीसी ने फील्ड कार्यकर्ताओं से उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के फायदों के बारे में सूचित और शिक्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य बिजली वितरण को सुव्यवस्थित करना, बिलिंग की सटीकता में सुधार करना और बिजली चोरी पर अंकुश लगाना है, जिससे अंततः पूरे जिले में बेहतर ऊर्जा प्रबंधन सुनिश्चित हो सके। सर्दियों के मौसम के मद्देनजर डॉ मिन्हास ने बर्फबारी वाले क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बनाए रखने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधीक्षण अभियंता, पीडीडी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि खराब मौसम, विशेष रूप से बर्फबारी के कारण होने वाली बाधाओं के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त रसद और सामग्री का बफर स्टॉक उपलब्ध हो।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया

   

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