अबूझमाड़ में नक्सलियों ने मोबाइल-घड़ी व नए चेहरे काे गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध का जारी किया फरमान
- Admin Admin
- Jan 03, 2025
नारायणपुर, 3 जनवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर के अबूझमाड़ में लगातार सुरक्षाबलाें की घेराबंदी से घबराए नक्सलियों ने अबूझमाड़ के अंदरुनी गांवों में मोबाइल नहीं रखने के साथ ही घड़ी पर भी प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी कर दिया है। इसके साथ ही नए चेहरे काे अंदरूनी गांव में आने के लिए कड़ा पहरा लगा दिया है। शासकीय कर्मचारियों को भी अब फोटो लेने के लिए मना कर दिया गया है। शासकीय कामों से बाहर जाने वाले कर्मचारियों पर नजर रखी जा रही है। शासकीय कर्मचारियों के साथ संघम सदस्यों को साथ में भेजा जा रहा हैं। काम पूरा करने के बाद गांव से निकलने के दौरान भी शासकीय कर्मचारियाें की पूरी जांच पड़ताल की जा रही है।
नक्सलियों का एक मात्र सुरक्षित ठिकाना माने जाने वाले अबूझमाड़ के इलाके में इन दिनाें सशस्त्र बलों की चहल कदमी शुरू हो चुकी है, लगातार नये सुरक्षा कैंपाें की स्थापन के साथ बड़े इलाके में सुरक्षाबलाें के जवान पहुंचने लगे है। बावजूद इसके अबूझमाड़ का अंदरुनी इलाका इतना बड़ा है कि नक्सलियाें के बड़े कैडर अब भी यहां छिपकर सुरक्षित रह रहे हैं। अबूझमाड़ के इलाके में लगभग 50 गांव बताए जा रहे हैं। इन्हीं गांवों के लिए नक्सलियाें ने उक्त फरमान जारी किया है। ग्रामीणों के अनुसार नए चेहरे को गांवों में आने नहीं दिया जा रहा है। इलेक्ट्रानिक गैजेट्स पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया हैं। मैदानी शासकीय कर्मचारियों को नक्सलियों ने जारी फरमान के उल्लंघन पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी गई है। नक्सलियों द्वारा जंगल के अंदर फोटो लेने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने शुक्रवार काे बताया कि नक्सलियों के उक्त फरमान की जानकारी एकत्र की जा रही है। उन्हाेंने बताया कि वर्ष 2024 में अबूझमाड़ में हुए भारी नुकसान के बाद नक्सली बौखलाहट में हैं और इस तरह का संदेश फैलाकर जनता में भ्रम फैला रहे हैं। बावजूद इसके अबूझमाड़की जनता नक्सलियों के बहकावे में नहीं आएगी। वह नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार और सुरक्षाबलाें के साथ है।
गाैरतलब है कि अबूझमाड़ का क्षेत्रफल साढ़े चार हजार वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है, यहां की भौगोलिक परिस्थितियां नक्सलियों के काफी अनुकूल है। यही कारण है कि अबूझमाड़ को नक्सलियों की अघोषित राजधानी माना जाता है। अबूझमाड़ के इलाके में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के बड़ी संख्या में नए सुरक्षा कैंप खोले जाएंगे, इसके लिए केंद्रीय अर्ध सैन्य बल की दो अतिरिक्त बटालियन भी मिलेंगी। सूत्र बताते हैं कि इसी महीने जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर में नक्सल ऑपरेशन से जुड़ी अहम बैठक ली तो उसमें तय किया गया कि जनवरी से ही पुलिस और अर्धसैनिक बलअबूझमाड़ को घेरना शुरू करेगी। जिसके निशाने पर निशाने पर माड़ एरिया डिवीजन कमेटी के नक्सली हाेगे। बताया जाता है नक्सलियों के बड़े ट्रेनिंग कैंप अबूझमाड़ में ही संचालित होते रहे हैं। गुरिल्ला वॉरफेयर की ट्रेनिंग यहीं पर नक्सलियों के नए लड़ाकों को दी जाती है। बताया जा रहा है कि लगातार कमजोर होते नक्सली अब बस्तर में नए सिरे से भर्ती का प्रयास कर रहे हैं। थुलथुली मुठभेड़ में नीति के ढेर होने के बाद यहां पर सेंट्रल कमेटी के पूर्व सचिव गणपति, मोपल्ल राजू, बसव राजू और सेंट्रल कमेटी मेंबर सोनू दादा की मौजूदगी है। फोर्स को समय-समय पर इनकी मौजूदगी के इनपुट मिलते रहते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे