सोनीपत: मिट्टी से बनाया कूलर,डीसीआरयूएसटी के शोधार्थी को भारत सरकार से मिला पेटेंट
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- May 06, 2025

सोनीपत, 6 मई (हि.स.)। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,
मुरथल (डीसीआरयूएसटी) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी मुकेश कुमार ने मिट्टी
से बना एक विशेष कूलर विकसित किया है, जिसकी विशेषता यह है कि यह सामान्य कूलर की तुलना
में आधी बिजली की खपत करता है। इस नवाचार को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से अधिकारिक
पेटेंट प्राप्त हुआ है।
कुलपति प्रो. एस.पी. सिंह मंगलवार को इस उपलब्धि की सराहना
करते हुए कहा कि यह आविष्कार न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह टिकाऊ, किफायती
और स्वच्छ ऊर्जा आधारित तकनीक के रूप में समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने
बताया कि मिट्टी आधारित यह कूलिंग सिस्टम कुम्हार समुदाय के लिए रोजगार के अवसर भी
पैदा करेगा।
इस परियोजना में शोधार्थी मुकेश कुमार को मार्गदर्शन एसोसिएट
प्रोफेसर डॉ. अमित शर्मा ने दिया। डॉ. शर्मा अपनी डॉक्टरेट थीसिस के अंतर्गत मिट्टी
आधारित कूलर के विकास पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कूलर का सिद्धांत
पारंपरिक मिट्टी के घड़ों की ठंडक देने वाली विधि वाष्पीकरण शीतलन पर आधारित है।
मुकेश कुमार ने बताया कि कूलर बनाने के लिए उन्होंने दिल्ली,
हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और पंजाब की मिट्टी का परीक्षण किया, लेकिन सोहना (हरियाणा)
की मिट्टी को सबसे उपयुक्त पाया। सौ से अधिक बार प्रयोग करने के बाद उन्हें सफलता मिली।
उन्होंने कहा कि यह कूलर पूरी तरह मेड इन इंडिया अवधारणा पर आधारित है।
यह मिट्टी का कूलर न केवल तापमान को 16 डिग्री तक कम कर सकता
है, बल्कि इसके उपयोग से ओजोन परत को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता। जब यह कूलर चलता
है, तो हरियाणा की मिट्टी की प्राकृतिक खुशबू वातावरण को ताजगी से भर देती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना