पौराणिक महत्व वाले स्थान सीताकुंड धाम का होगा सर्वागीण विकास:डीएम
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- Jan 03, 2025
-पर्यटन विभाग 13.10 करोड़ की दी प्रशासनिक स्वीकृति
पूर्वी चंपारण,03 जनवरी(हि.स.)।जिला के चकिया अनुमंडल स्थित पीपरा के बेदीबन मधुबन स्थित सीताकुंड धाम का सर्वागीण विकास किया जाएगा।इसकी जानकारी देते पूर्वी चंपारण के डीएम सौरभ जोरवाल ने आज बताया कि जिले में ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व वाले सीताकुंड के विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है। पर्यटन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा इस स्थल के विकास हेतु 13.10 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। सीताकुंड का विकास कार्य बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के द्वारा कराया जाएगा। इसके लिए 18 माह का समय निर्धारित की गई है।इस स्थल के विकास के क्रम में यहां कैफेटेरिया, प्रवेश द्वार, चहारदीवारी, शौचालय ब्लॉक, दुकानों का निर्माण एवं साइट के विकास संबंधित अन्य कार्य किये जाएंगे।
जिलाधिकारी ने बताया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रथम किस्त के रूप में 6.55 करोड़ की राशि पर्यटन विभाग द्वारा विमुक्त कर दी गई है।उल्लेखनीय है,कि पूर्वी चंपारण स्थित सीताकुंड धाम का वर्णन प्राचीन धर्मग्रंथों में भी किया गया है। विद्धानो के अनुसार त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एवं माता सीता की शादी के बाद जब बारात जनकपुर से वापस अयोध्या लौट रही थी,तो मार्ग में इसी स्थल पर चौठारी की रश्म हुई थी। वही प्रभु श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण जी द्धारा यहां एक तालाब का निर्माण कराया गया था। उसी पवित्र तालाब में माता सीता ने स्नान कर शिवलिंग की स्थापना कर पूजा-अर्चना की थी। माता सीता द्वारा स्थापित प्राचीन शिवलिंग को आज भी गिरजानाथ महादेव के नाम से जाना जाता है।कालांतर में यहां मौजूद तालाब और मंदिर विघमान तो है,लेकिन रखरखाव उचित देखभाल नही होने से अपनी आभा खो रही थी,फिलहाल बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के द्धारा इसे विकसित करने की पहल से इस प्राचीन स्थल का सुंदरता एक बार फिर लौटेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार