डीआरडीओ ने सुरक्षा नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए एशिया अग्नि सुरक्षा परिषद बैठक की मेजबानी की

नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। एशिया अग्नि सुरक्षा निरीक्षण परिषद (एएफआईसी) मीट का 11वां संस्करण आज यहां शुरू हुआ। इसका आयोजन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अग्नि, विस्फोटक और पर्यावरण सुरक्षा केंद्र (सीएफईईएस) ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से किया है।

23 नवंबर को समाप्त होने वाले तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में छह एशियाई देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 21 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। एएफआईसी तकनीकी आदान-प्रदान और 11 एशियाई देशों में अग्नि सुरक्षा ज्ञान, प्रौद्योगिकियों और मानकों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यह आयोजन प्रतिनिधियों के लिए ज्ञान, मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा करने और अभिनव समाधानों पर सहयोग करने के लिए सार्थक आदान-प्रदान में संलग्न होने के लिए एक आदर्श मंच है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन विश्व स्तरीय अग्नि सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के साथ एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत बनाने के डीआरडीओ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जो अंततः राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में योगदान देगा।

एएफआईसी बैठक के दौरान सीएफईईएस द्वारा “अग्नि सुरक्षा और भविष्य के परिप्रेक्ष्य में नवीनतम रुझान” पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और एशियाई अग्नि सुरक्षा एक्सपो (एएफएसई) 2024 का भी आयोजन किया जा रहा है। राज्य अग्निशमन सेवाओं, सेना, नौसेना, वायु सेना, बीएसएफ, डीआरडीओ और सीएपीएफ से अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले 100 से अधिक प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

एएफएसई 2024 को इंडिया इंडस्ट्री एक्सपो 2024 में एक फोकस्ड शो के रूप में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कोरिया गणराज्य कंट्री पार्टनर के रूप में भाग ले रहा है। एक्सपो का उद्देश्य अग्नि सुरक्षा प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाना है, ताकि भारत में अग्नि सुरक्षा और संरक्षण के लिए उन्नत तकनीकों और उत्पादों का प्रदर्शन किया जा सके।

सीएफईईएस एक ही छत के नीचे तीन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, और इसने सभी अग्नि सुरक्षा शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, निर्णय निर्माताओं, उपयोगकर्ताओं, पेशेवरों और उद्योगों को एक साझा मंच पर लाने की चुनौती ली है। यह कार्यक्रम कई प्रमुख उद्देश्यों से जुड़ा है, जैसे नवाचार और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना, उन्नत क्षमताओं का निर्माण करना, उद्योग सहयोग को बढ़ावा देना, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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