हैंडीक्राफ्ट्स और हैंडलूम डिपार्टमेंट ने कश्मीर के जीआई क्राफ्ट्स पर शानदार टेबल बुक लॉन्च की

श्रीनगर, 29 नवंबर (हि.स.)।

कश्मीर की रिच क्राफ्ट विरासत का जश्न मनाने और उसे सुरक्षित रखने के लिए एक अहम पहल के तहत डायरेक्टरेट ऑफ़ हैंडीक्राफ्ट्स एंड हैंडलूम कश्मीर ने ज्योग्राफिकल इंडिकेशन-रजिस्टर्ड क्राफ्ट्स और उन्हें ज़िंदा रखने वाले मास्टर कारीगरों को समर्पित एक शानदार हार्ड-कवर टेबल बुक लॉन्च की।

आज यहां जारी एक प्रेस वार्ता में विभाग के एक प्रवक्ता ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कश्मीर के मशहूर क्राफ्ट्स की असली पहचान कल्चरल वैल्यू और इकोनॉमिक पोटेंशियल को बचाने के लिए जीआई हासिल करना बहुत ज़रूरी है।

उन्होंने कहा, “क्राफ्ट टेबल बुक इन जीआई रजिस्टर्ड खजानों और उनके पीछे के उस्तादों के सुनहरे हाथों की कहानियों को खूबसूरती से एक साथ जोड़ती है जो देखने में अच्छा लगने के साथ-साथ एक भरोसेमंद रेफरेंस भी है।” यह पहल यूनेस्को सिटीज़ नेटवर्क के तहत कश्मीर के फ्लैगशिप प्रोग्राम क्राफ्ट सफारी का एक अहम हिस्सा है जिसमें श्रीनगर को 2021 में क्राफ्ट्स और लोक कला का क्रिएटिव शहर बनाया गया है और यह बड़े सोलफुल कश्मीर ब्रांड प्रमोशन कैंपेन के तहत शुरू की गई बहुत पसंद की जाने वाली ‘अपने कारीगर को जानें’ सीरीज़ को आगे बढ़ाता है।

कश्मीर में अभी 15 जीआई रजिस्टर्ड क्राफ्ट्स हैं जैसे हाथ से बुनी हुई कालीन, सोज़नी और कानी शॉल, पेपर माशे, अखरोट की लकड़ी की नक्काशी, खतमबंद, वाग्गुव, गब्बा और नुम्दा और अभी कॉपर और सिल्वरवेयर जैसे 6 और क्राफ्ट्स के लिए डोजियर तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें जल्द ही चेन्नई में जीआई रजिस्ट्री में पेश किया जाएगा।

डिपार्टमेंट की रिसोर्स सेल टीम द्वारा खूबसूरती से डिज़ाइन की गई और प्रीमियम हार्ड-कवर फॉर्मेट में प्रिंट की गई, टेबल बुक एक कलेक्टर का आइटम और कश्मीर की क्राफ्ट विरासत का एंबेसडर बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “आने वाले हफ़्तों में, जम्मू एंड कश्मीर और उसके बाहर सभी बड़े सरकारी डिपार्टमेंट, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल, बड़े बिज़नेस एसोसिएशन, होटल मालिकों, रेस्टोरेंट और ज़रूरी स्टेकहोल्डर्स को कॉम्प्लिमेंट्री कॉपी बांटी जाएंगी।

प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि यह पब्लिकेशन दुनिया के खास मार्केट में कश्मीरी हैंडीक्राफ्ट की अभी तक इस्तेमाल नहीं हुई क्षमता की गहरी समझ पैदा करेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए इन कभी न बदलने वाली ज़िंदा परंपराओं को बचाने के लिए मिलकर किए गए वादे को मज़बूत करेगा।

डायरेक्टोरेट ने जम्मू-कश्मीर सरकार और उन सभी पार्टनर्स का बहुत शुक्रिया अदा किया जिन्होंने कश्मीर के क्राफ्ट और कारीगरों को उस जगह पर बिठाने की इस कोशिश में मदद की है जिसके वे सच में हकदार हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / SONIA LALOTRA

   

सम्बंधित खबर