बाड़मेर पहुंची वंचित वर्ग अधिकार रथयात्रा, आरक्षण की मांग

बाड़मेर, 5 मार्च (हि.स.)। भील समाज, वाल्मीकि समाज सहित आरक्षण से वंचित जातियों ने वंचित वर्ग अधिकार रथयात्रा का स्वागत किया। सर्वोच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों ने एक अगस्त को आरक्षण का उपवर्गीकरण कर कोटे में से कोटा देने का निर्णय पारित किया था। सभी राज्यों को वंचित वर्गों को समान रूप से लाने के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए गए थे।

राजस्थान वंचित वर्ग अधिकार रथयात्रा के प्रदेश सभापति शंकरलाल दहिया ने बताया कि सात महीने बीतने के बाद भी राजस्थान सरकार ने इस निर्णय पर कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि हरियाणा, कर्नाटक और तेलंगाना सरकार ने इसे लागू कर दिया। राजस्थान सरकार का ध्यान आकर्षित करने और वंचित वर्गों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए प्रदेशाध्यक्ष विकास नारवाल ने 12 जनवरी को भरतपुर से वंचित वर्ग अधिकार रथयात्रा शुरू की। यह यात्रा अब तक 28 जिलों और कई उपखंडों से होते हुए बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची। आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

इस अवसर पर विकास नारवाल ने कहा कि भारतीय संविधान में अनुसूचित जाति और जनजातियों को आरक्षण का प्रावधान है। लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण आजादी के 78 साल बाद भी आरक्षण का लाभ कुछ ही जातियों को मिल रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने पाया कि कई जातियों का सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व शून्य है, जबकि उनकी जनसंख्या अधिक है। ऐसी स्थिति में इन्हें समानुपातिक आरक्षण मिलना चाहिए। वाल्मीकि, भील, गरासिया, धानका, सहरिया सहित कई जातियां अत्यंत गरीबी में जीवन यापन कर रही हैं। उनके बच्चों को देश की मुख्यधारा में लाने के लिए यह रथयात्रा शुरू की गई है। सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को शीघ्र लागू करना होगा।

प्रदेश सभापति शंकरलाल दहिया ने कहा कि 2014 से राजस्थान आदिवासी भील समाज आरक्षण संघर्ष समिति कोटे में से कोटा देने की मांग कर रही है। भारत सरकार, राजस्थान सरकार और जनजाति राष्ट्रीय आयोग के पास परिवाद दर्ज कराए गए।

सर्वोच्च न्यायालय और राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट याचिकाएं भी दायर की गईं। जब तक सरकार आरक्षण का उपवर्गीकरण कर कोटे में से कोटा लागू नहीं करेगी, वंचित जातियों को अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना होगा। राजस्थान समग्र भील वर्ग आरक्षण मंच के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने समाज से एकजुट होकर संघर्ष में सहयोग देने की अपील की। युवा नेता धर्मीचंद भील ने युवाओं से रथयात्रा में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया। वाल्मीकि समाज के जिला अध्यक्ष रमेश कुमार घारू ने वंचित जातियों के प्रतिनिधियों को संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए जागरूक रहने की सलाह दी।

इस अवसर पर मोहनलाल घूसर, महेश घारू, माधुकुमार घारू, लक्ष्मण घारू, अनिल घारू, मूलाराम सरपंच, देवराज बूठ, खेताराम बोला, मांगीलाल सोमानी, देवाराम लूणू, तेजाराम जूना खेड़ा, गेनाराम बहाला, नगसा बहाला, लाधाराम, बखताराम सेड़वा, खेताराम, मेवाराम वाघेला, मनोज महाबार, भोमसा बिशाला, धर्माराम महाबार, नरेश दहिया, रमेश मकवाना, सोहनलाल नगर, महिपाल सिंह, दयाराम, हेमंत लूणू सहित कई लोग मौजूद रहे। विकास नारवाल को बाबा साहेब की प्रतिमा भेंट की।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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