धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया
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- Nov 12, 2024
नई दिल्ली, 12 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को नई दिल्ली में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। प्रधान ने अकादमिक नेताओं और प्रशासकों को ध्यान केंद्रित करने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों का सुझाव दिया।
इसमें वित्त पोषण के अभिनव तरीकों के माध्यम से सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को मजबूत करना, उद्योग की मांग के अनुसार और राज्यों व संघ शासित प्रदेशों की जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुसार पाठ्यक्रम को संरेखित करने और तैयार करने के लिए थिंक टैंक स्थापित करना है। वैश्विक समस्याओं को हल करने में नेतृत्व संभालने के लिए अनुसंधान और नवाचार के लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाना है। प्रतिष्ठित केंद्रीय व राज्य संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से प्रत्येक राज्य व संघ शासित प्रदेश में अकादमिक नेतृत्व विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना और खेल, वाद-विवाद, कविता, नाटक, प्रदर्शन कला के माध्यम से परिसर जीवन की जीवंतता को पुनर्जीवित करना और इन गैर-शैक्षणिक क्षेत्रों को प्राथमिकता देना शामिल है।
इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि कार्यशाला कठोर अकादमिक विचार-विमर्श के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। विशेष रूप से यह कि कैसे शिक्षा जीवन को आसान बनाने, प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण सुधार ला सकती है।
प्रधान ने भारतीय भाषाओं में शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। देश के छात्रों के प्रति जवाबदेही पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भारत का वैश्विक नेतृत्व स्थापित करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
इस अवसर पर शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार बरनवाल, यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार, उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव मनमोहन कौर, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव, शिक्षाविद, संस्थानों के प्रमुख और मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार