संघ का प्रचारक वर्गः सरसंघचालक डॉ. भागवत ने दिया सामाजिक 'समरसता' लाने का संदेश

ग्वालियर, 01 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चार दिवसीय विविध संगठन प्रचारक वर्ग के दूसरे दिन शुक्रवार को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सभी सदस्यों के विचार जानने के बाद संघ का संदेश सुनाया। साथ ही उन्होंने हिंदू समाज के सभी वर्ग के लोगों में एकता और उनमें परस्पर प्रेम बढ़ाने के लिए सिर्फ भाजपा से जुड़े लाेगाें के घरों तक ही नहीं, बल्कि इसे निचले स्तर तक ले जाने के लिए घर-घर पहुंचने की जिम्मेदारी सौंपी।

ग्वालियर के केदारधाम स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में 31 अक्टूबर को दीपावली के अवसर पर संघ के विभिन्न संगठनों के राष्ट्रीय स्तर के प्रचारकों का प्रशिक्षण वर्ग शुरू हुआ है, जो चार नवंबर तक चलेगा। इसमें संघ के 31 संगठनों के 554 प्रचारक सहभागिता कर रहे हैं। इस प्रशिक्षण वर्ग में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित संघ के सभी सहसरकार्यवाह और अन्य प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए हैं।

प्रचारक वर्ग में कई मुद्दों पर मंथन हो रहा है। इनमें सबसे बड़ा मुद्दा हिंदू समाज में सामाजिक समरसता है। शुक्रवार को प्रचारक वर्ग में दोपहर के भोजन में सामाजिक समरसता के तहत घर-घर से जुटाए गए भोजन का स्वाद लिया गया। इसके बाद सरसंघचालक डॉ. भागवत ने सभी प्रांत से आए प्रचारक व पदाधिकारियों के साथ बैठक की। सरसंघचालक डॉ. भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की मौजूदगी में कार्यकारी मंडल के पदाधिकारियों ने संगठन के सभी प्रांत प्रचारकों को संघ के एजेंडे जिसमें पंच परिवर्तनों के द्वारा हिन्दू समाज में सामाजिक समरसता लाने के प्रयास के लिए इस संदेश को निचले स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही सभी पदाधिकारियों से संघ का संदेश घर-घर पहुंचाने का आह्वान किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

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