डोगरी संस्था जम्मू ने अपना 81वां स्थापना दिवस मनाया

डोगरी संस्था जम्मू ने अपना 81वां स्थापना दिवस मनाया


जम्मू, 2 फ़रवरी । डोगरी संस्था, जम्मू ने अपना 81वां स्थापना दिवस डोगरी भवन, कर्ण नगर, जम्मू में आयोजित एक सादे लेकिन प्रभावशाली समारोह में मनाया। यह उल्लेखनीय है कि 1944 में बसंत पंचमी के शुभ दिन पर डोगरी संस्था, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के सबसे पुराने और सक्रिय साहित्यिक संगठन, को छह व्यक्तियों—प्रो. रामनाथ शास्त्री, पं. दीनू भाई पंत, बी. पी. साठे, संसार चंद बरू, डी. सी. प्रशांत और एन. डी. मिश्रा—द्वारा स्थापित किया गया था। संस्था पिछले कई वर्षों से मातृभाषा डोगरी और क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए अथक प्रयास कर रही है।

इस मौके पर डोगरी संस्था ने प्रो. ललित मगोत्रा ​​को भारत गणराज्य के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'पद्मश्री' से सम्मानित किए जाने पर सम्मानित किया। प्रो. ललित मगोत्रा ​​ने इसके लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सम्मान वास्तव में सभी डोगरों का सम्मान है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 80 वर्षों से डोगरी संस्था निर्धारित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम प्रयास करने में बहुत सक्रिय रही है, चाहे वह डोगरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाना हो या अन्य उपलब्धियाँ। उन्होंने डोगरी संस्था की लंबी यात्रा साझा करते हुए कहा कि स्थापना दिवस हमें आत्मनिरीक्षण करने और मातृभाषा के उत्थान के लिए और भी अधिक सक्रिय बनने के लिए प्रेरित करता है।

डोगरी संस्था जम्मू के महामंत्री राजेश्वर सिंह 'राजू' ने इस शुभ दिन पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि प्रो. ललित मगोत्रा, जिनके नेतृत्व में संस्था ने नई ऊँचाइयाँ प्राप्त कीं, हम सबके लिए मार्गदर्शक हैं। उनका पद्मश्री सम्मान वास्तव में संस्था के साथ-साथ पूरे डोगरा समुदाय का सम्मान है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डोगरी संस्था उनके नेतृत्व में समृद्ध होती रहेगी और भविष्य में भी डोगरों की उम्मीदों पर खरा उतरेगी।

इस अवसर पर 'डोगरी कवि गोष्ठी' का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रो. ललित मगोत्रा, इंद्रजीत केसर, सुशील बेगाना, बृज मोहन, अशोक खजूरिया, अब्दुल कादिर कुंडरिया, रणधीर सिंह रायपुरिया, डॉ. निर्मल विनोद, अशोक अंगुराना, राजेश्वर सिंह 'राजू', संजीव कुमार, कुशल सिंह काटल, नेहा शर्मा, पवन वर्मा, कुलदीप किप्पी, मंजू शर्मा रतनपाल, पंकज शर्मा, रजनी थप्पा, वगीश शर्मा और तरूण चाढ़क ने अपनी विचारोत्तेजक और मनोरंजक कविताएँ प्रस्तुत कीं। कवि गोष्ठी का संचालन जाने-माने डोगरी कवि सुशील बेगाना ने किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन पवन वर्मा ने किया। प्रो. वीणा गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। समारोह में काफी संख्या में साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।

   

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