हिसार : दलित छात्रा से दुष्कर्म के दोषी ड्राइंग टीचर को दस वर्ष सख्त कैद
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- Mar 04, 2025

अदालत ने जिला विधिक सहायता प्राधिकरण को पीड़ित छात्रा को मुआवजा देने के
आदेश भी दिए
अदालत ने दोषी पर लगाया 36 हजार का जुर्माना
हिसार, 4 मार्च (हि.स.)। जिला के एक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली दलित
छात्रा का अपहरण करके बंधक बनाकर दुष्कर्म करने वाले ड्राइंग टीचर को महिला विरुद्ध
अपराध के लिए स्थापित विशेष अदालत के न्यायाधीश सुनील जिंदल ने दस साल सख्त कारावास
की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 36 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
पीड़ित छात्रा के वकील रजत कल्सन ने बताया कि विशेष अदालत के न्यायाधीश सुनील
जिंदल ने मंगलवार को दोषी ड्राइंग टीचर को अपहरण करने के मामले में दो साल की सजा व
पांच हजार रुपये जुर्माना, बंधक बनाने में एक साल की सजा व रेप करने के मामले में दस
साल की सजा व 30 हजार रुपये जुर्माना, मारपीट करने के मामले में छह माह की सजा तथा
जान से मारने की धमकी देने के मामले में क साल की सजा व 1000 रुपये जुर्माना की सजा
सुनाई है, अदालत के आदेशानुसार सभी अपराधों की सजा साथ-साथ चलेगी। इसके साथ ही विशेष
अदालत के न्यायाधीश सुनील जिंदल ने जिला विधिक सहायता प्राधिकरण को फैसले की प्रति
भेजते हुए निर्देश दिए हैं कि इस मामले में पीड़ित छात्रा को समुचित आर्थिक मुआवजा
भी दिया जाए।
इससे पहले दोषी ड्राइंग टीचर ने अपने अधिवक्ता के मार्फत अदालत से याचना की
कि वह 65 साल का है तथा उसकी मां की उम्र 86 साल की है जो बीमार रहती है। उसकी देखरेख
करने वाला कोई नहीं है, इसलिए उस पर रहम करते हुए उसे कम से कम सजा दी जाए। दूसरी तरफ
दलित छात्रा के वकील रजत कलसन ने अदालत से मांग की कि दोषी ड्राइंग टीचर पीड़ित छात्रा
के दादा की उम्र का है तथा इन दोनों के बीच में छात्रा और और शिक्षक का रिश्ता था जिसे
दोषी ड्राइंग टीचर ने कलंकित किया है। उसने स्कूल में शिक्षक के पद की पोजीशन का फायदा
उठाते हुए अपनी ही गरीब छात्रा का यौन उत्पीड़न किया है। कल्सन ने अदालत से मांग की
की इस तरह के दरिंदे को अधिकतम सजा देकर समाज में एक संदेश दिया जाना चाहिए ताकि इस
तरह के अपराधियों में कानून का खौफ पैदा हो सके।
अदालत में चले मामले के अनुसार पीड़िता ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया था कि
वह जिले के एक गांव के स्कूल में वर्ष 2015 में नौंवीं कक्षा की छात्रा थी जहां पर
दोषी ड्राइंग टीचर कार्यरत था जो उस पर गलत नजर रखता था। उक्त टीचर उसे चॉकलेट व टॉफी
तथा पेन, पेंसिल देकर उसके साथ अकेले में किसिंग व छेड़खानी करता था तथा जब वह दसवीं
कक्षा की छात्रा थी तब उसे स्कूल से कुछ दूर खेतों में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया
था तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देता था।
इस बारे में जब पीड़ित छात्रा ने अपने माता-पिता को बताया तो उसके माता-पिता
ने स्कूल में जाकर दोषी ड्राइंग टीचर राजवीर को समझाया कि उनकी बेटी को तंग ना करें,
परंतु इसके बावजूद भी दोषी ड्राइंग टीचर राजवीर पीड़ित छात्रा को प्रताड़ित करता रहा।
पीड़ित छात्रा के अनुसार 5 अप्रैल 2020 को उक्त ड्राइंग टीचर पीड़ित छात्रा को अपनी स्कूटी
पर बिठाकर नजदीक के गांव के खेतों में ले गया तथा वहां पर एक कोठे के बाहर पीड़ित छात्रा
के साथ प्राकृतिक व अप्राकृतिक तरीके से दुष्कर्म किया तथा उसे चार घंटे बंधक बना कर
रखा। किसी तरह उसके भाई को सूचना मिली कि दोषी टीचर राजबीर पीड़ित छात्रा कोखेतों में लेकर आया है तो अपनी बहन को ढूंढते हुए
उसका भाई भी मौका पर पहुंच गया जहां पर उक्त आरोपी ड्राइंग टीचर ने उसके भाई के साथ
मारपीट की तथा उसे जातिसूचक गालियां भी निकाली। इसके बाद मौके पर पुलिस भी आई जिन्होंने
इस मामले में छात्रा की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया तथा पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने
बयान दर्ज कराये तथा पीड़िता की डॉक्टरी व बाल अधिकार समिति तथा महिला वकील के सामने
बयान दर्ज कराए।
अधिवक्ता कलसन ने बताया कि चार साल चले इस मुकदमे में पीड़िता, उसके माता-पिता
व उसके भाई सहित अन्य गवाहों के बयान दर्ज हुए तथा 25 फरवरी को अदालत ने दोषी ड्राइंग
टीचर को दोषी ठहराया था। इसी मामले में दोषी ड्राइंग टीचर को सजा का ऐलान किया गया
है ।उधर पीड़ित छात्रा के माता-पिता ने इस मामले में अदालत के फैसले पर संतुष्टि जताई
है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर