नैनीताल में लगातार बारिश से नैना पीक और कैमल्स बैक क्षेत्र में फूटे झरने

नैनीताल, 4 सितंबर (हि.स.)। नैनीताल में लगातार हो रही भारी वर्षा के बाद नगर की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी और इसके आसपास के कैमल्स बैक क्षेत्र में वर्षों बाद अनेक जल स्रोत और इनसे झरने फूटने लगे हैं। लगभग एक दशक बाद पहाड़ियों पर दिखा यह प्राकृतिक दृश्य नगरवासियों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। लोग कोहरा छंटने के बाद इन झरनों को देखने के लिए यहां पहुंच रहे हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त से लगातार हो रही मूसलधार वर्षा के बीच 1 सितंबर को नैनीताल में 174 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन अब गुरुवार को धूप खिलने के बाद झरनों के बहने का प्राकृतिक दृश्य लोगों के लिए रोमांच का विषय बना है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, नैना पीक की पहाड़ी पर इस वर्ष लगभग 8 से 10 जल स्रोत फूटे हैं। प्रदेश की वृद्धजन कल्याण समिति की उपाध्यक्ष एवं क्षेत्र की निवासी शांति मेहरा ने बताया कि स्थानीय मान्यता के अनुसार जब नैना पीक पर जल स्रोत फूटते हैं तो इसके बाद वर्षा का प्रकोप कम हो जाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में मौसम में सुधार होगा।

गौरतलब है कि नगर की ऊंची पहाड़ियों पर जल स्रोत फूटने के साथ यहां पहले से हो रहे भूस्खलनों और बन गयी दरारों ने खतरे की स्थिति भी पैदा कर दी है। नैनीताल की यह ऊंची चोटी नगर और झील के ऊपर मुकुट की तरह स्थित है, लेकिन यहां बार-बार होने वाले भूस्खलनों से तलहटी में बसे लोगों में भय का माहौल है।

बरसात के मौसम में यहां कई लोगों की रातें जागकर गुजरती हैं। भूवैज्ञानिकों की टीम कई बार इस क्षेत्र का सर्वेक्षण कर चुकी है और यहां सुरक्षा कार्यों की आवश्यकता जताई गई है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

   

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