असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया

गौशाला मैदान के पास धू-धू कर जलता रावण का पुतला।

धमतरी, 12 अक्टूबर (हि.स.)।असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा 12 अक्टूबर को परंपरागत ढंग से मनाया गया। नगर निगम प्रशासन की ओर से 40 फीट ऊंचे पुतले को जैसे ही दहन किया गया, रामलीला मैदान जय-जयश्रीराम की जयघोष से गूंज उठा। पुतला दहन के बाद 12 प्रकार के पटाखों की आतिशबाजी से दर्शकों का मनोरंजन हुआ रंग-बिरंगी आतिशबाजी को देखने दर्शन देर शाम तक डटे रहे।विजयदशमी का पर्व दशहरा परंपरागत ढंग से मनाया गया।

शनिवार को शहर समेत अंचल में दशहरा पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। शहर में रावण दहन का मुख्य कार्यक्रम नगर निगम की ओर से शाम साढ़े सात बजे रामबाग स्थित गौशाला मैदान में हुआ। इसके पूर्व ग्राम कोलियारी की भूले बिसरे रामलीला मंडली के कलाकारों ने शोभायात्रा निकालकर भगवान श्रीरामचन्द्र दरबार की पूजा-अर्चना की। इसके बाद रामलीला का मंचन किया गया। लगभग डेढ़ घंटे तक चली लीला मंचन में कलाकारों ने सीता हरण, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने, कुंभकर्ण वध के बाद भगवान श्रीराम और रावण वध का लीला मंचन किया, जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। नाटक में भगवान श्रीराम ने रावण का जैसे ही रावण का वध किया। कार्यक्रम स्थल जय-जयश्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। इसके बाद 40 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। आकर्षक आतिशबाजी के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। पुलिस प्रशासन की ओर से विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कड़ी निगरानी की गई। दशहरा पर्व के लिए पुलिस लाइन समेत आसपास थानों के जवान भी ड्यूटी पर तैनात थे।

गांव में भी मना पर्व

शहर से लगे ग्राम लोहरसी, मुजगहन, आमदी, पोटियाडीह, कोलियारी, अछोटा, अर्जुनी, खपरी, भानपुरी, श्यामतराई में भी दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। अहंकार रूपी रावण का पुतला दहन कर सत्य के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। विभिन्न समितियों ने रामलीला का भी प्रदर्शन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या लोग मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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