आम बजट 2025 को अर्थशास्त्रियों ने समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बताया

डॉ. राकेश कुमार तिवारी

—बजट में कोई निगेटिव सरप्राइज़ नहीं है:ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट

वाराणसी,01 फरवरी (हि.स.)। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए शनिवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश कर दिया। इस बजट को अर्थशास्त्रियों ने समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बताया है। अर्थशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार तिवारी ने कहा कि प्रस्तुत बजट कई मामलों में ऐतिहासिक है। यह आम आदमी के हितों को ध्यान रखने वाला किसान, महिला, युवा और गरीबों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने वाला बजट है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बजट में आयकर की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। 04 लाख तक की सालाना आय को कर मुक्त करना निम्न आय वर्ग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। वेतन भोगियों की 12 लाख रूपए तक की आय कर-मुक्त हो जाएगी, यदि व्यक्ति के पास विशेष ब्याज आय नहीं है। इससे मध्यम वर्ग के वेतन भोगियों को बहुत राहत होगी। बजट में बिजली वितरण और ट्रांसमिशन को मजबूत करने के लिए बड़े सुधारों की घोषणा विद्युत् व्यवस्था को मज़बूत बनाएगी। जो आर्थिक विकास का इंजन साबित होगी। इसी तरह शहरों के पुनर्विकास और जल-स्वच्छता सुधार के लिए 1 लाख करोड़ रूपए के अर्बन चैलेंज फंड की शुरुआत शहरों में रहन सहन और स्वास्थ्य के स्तर को बेहतर करेगी। गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक कल्याण योजना दैनिक भोगियों के लिए सामाजिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण माध्यम सिद्ध होगी । पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मोटे अनाज को बढ़ावा दिया गया है। किसानों के लिए बड़ी योजना धन धान्य योजना की लॉन्चिंग देश के करीब 1.7 करोड़ कृषकों को लाभ पहुचाएगा । इसके अलावा खाने के तेल में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए 6 वर्षीय मिशन की घोषणा भी की गई है। कुल मिलाकर, यह बजट कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों को संतुलित विकास को बढ़ावा देने वाला है।

—ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट की नजर में आम बजट

आम बजट पर ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट के चेयरमैन और जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी उत्तर प्रदेश के सदस्य मनीष खेमका ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के बाद अब मोदी सरकार ने महाछूट का बड़ा उपहार भारत के मध्यम वर्गीय करदाताओं को दिया है। आज़ाद भारत में आयकर से एक मुश्त इतनी बड़ी राहत पहले कभी नहीं मिली। 12 लाख तक की सालाना आय अब आयकर से मुक्त होगी। आयकर के सरलीकरण से करदाताओं के एक बड़े वर्ग को नए रिजीम में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की व्यवहारिक कठिनाइयों से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के लोन की सीमा को तीन से बढ़ाकर पांच लाख किया गया है। ऐसे ही अन्य अनेक कदमों से लोगों के ख़र्च करने की शक्ति बढ़ेगी। बाज़ार में पैसा आएगा, कारोबार बढ़ेगा फलस्वरूप रोज़गार बढ़ेगा साथ ही जीएसटी जैसे अप्रत्यक्ष करों की वसूली भी बढ़ेगी। अर्थव्यवस्था पर इसका कई गुना सकारात्मक प्रभाव होगा। उन्होंने कहा कि बजट में अनेक नीतिगत क़दम उठाए गए हैं। भारत में बड़े जहाज़ों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। ढांचागत सुविधाओं का विकास होगा। इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ेगी। मखाना बोर्ड की स्थापना एक बहु प्रतीक्षित व सराहनीय क़दम है। भारत पहले ही मखाने के उत्पादन और निर्यात में विश्व में शीर्ष पर है। बजट में कोई निगेटिव सरप्राइज़ नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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