पूंजीगत व्यय में तेजी लाने पर जोर, दिसंबर तक 7000 करोड़ के लक्ष्य का निर्धारण

देहरादून, 27 नवंबर (हि.स.)। सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में बुधवार को अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने पूंजीगत व्यय की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में पूंजीगत परिव्यय की वृद्धि, स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (SASCI) और बजट भाषण में निर्दिष्ट लक्ष्यों पर विभागों की प्रगति पर चर्चा हुई। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार पूंजीगत व्यय में 10 फिसद वृद्धि के साथ केंद्र सरकार से प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए गंभीर है। गत वित्तीय वर्ष में अच्छी प्रगति के तहत राज्य को 206 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली थी। इसी क्रम में दिसंबर तक अपेक्षित प्रगति करने पर इस वर्ष भी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। अपर मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि पूंजीगत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता के साथ समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए ताकि राज्य को अधिक केंद्रीय अनुदान प्राप्त हो सके।

विभागों को लक्ष्य प्राप्ति के निर्देशबैठक में स्पष्ट किया गया कि अब तक 4415 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय हुआ है। इसे दिसंबर तक 7000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। लोक निर्माण विभाग दिसंबर तक 1000 करोड़ रुपये का व्यय सुनिश्चित करेगा। सिंचाई विभाग 900 करोड़ रुपये का व्यय करेगा। ग्राम्य विकास विभाग पीएमजीएसवाई के तहत भारत सरकार से अतिरिक्त किस्त प्राप्त करने का प्रयास करेगा।

प्रमुख दिशा-निर्देश : - सभी विभाग अपने बजट भाषण में निर्दिष्ट लक्ष्यों की अनुपालना सुनिश्चित करें।- बाह्य सहायतित परियोजनाओं की वित्तीय और भौतिक प्रगति की पृथक समीक्षा होगी। - पीएम गतिशक्ति के तहत परियोजनाओं की निगरानी के लिए योजना विभाग और आईटीडीए को निर्देशित किया गया।- ऊर्जा और अन्य विभागों को मेगा प्रोजेक्ट के लिए Expenditure Plan तैयार कर वित्त विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश।बैठक में सचिव पेयजल शैलेश बगोली, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, सचिव लोक निर्माण पंकज पांडेय, सचिव सिंचाई राजेश कुमार और अन्य विभागीय सचिव एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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