आबकारी विभाग राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण विभाग : प्रो शमशेर

कानपुर, 23 सितंबर (हि.स.)। राजस्व और औद्योगिक दृष्टिकोण से आबकारी विभाग राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण विभाग है और आबकारी निरीक्षक इस विभाग के महत्वपूर्ण आधार स्तंभ हैं। समय बहुत तेजी से बदल रहा है। इसके मद्देनजर उनका कार्यक्षेत्र में दिन-ब-दिन आ रही समस्याओं से निपटने हेतु लगातार अपने ज्ञान को परिष्कृत करना होगा। यह बात सोमवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर में पहली बार आयोजित आबकारी निरीक्षकों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शमशेर ने कही।

उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग की नीतियों के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन की महती जिम्मेदारी आबकारी निरीक्षकों को निभानी पड़ती है। डिस्टिलरी एवं बाटलिंग यूनिट में कच्चे माल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना इनकी प्राथमिकता होती है साथ ही ये लोग यह भी सुनिश्चित करते हैं कि इथेनॉल कैसे और किस तरह से प्रयोग किया जा रहा है। आबकारी निरीक्षकों के शर्करा एवं इथेनॉल की पृष्ठभूमि से न जुड़े होने के कारण इनके लिये इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक हैं।

इस अवसर पर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर की निदेशक डॉ. सीमा परोह ने कहा कि आबकारी विभाग की नीतियों के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन की महती जिम्मेदारी आबकारी निरीक्षकों को निभानी पड़ती है। डिस्टिलरी एवं बाटलिंग यूनिट में कच्चे माल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना इनकी प्राथमिकता होती है साथ ही ये लोग यह भी सुनिश्चित करते हैं कि इथेनॉल कैसे और किस तरह से प्रयोग किया जा रहा है। आबकारी निरीक्षकों के शर्करा एवं इथेनॉल की पृष्ठभूमि से न जुड़े होने के कारण इनके लिये इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक हैं।

यह जानकारी देते हुए मुख्य अभिकल्पक अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में पहली बार उ.प्र. सरकार के विभिन्न भागों में स्थित आबकारी कार्यालयों में कार्यरत 27 महिला एवं पुरूष आबकारी निरीक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिये 23 सितंबर से 27 सितम्बर तक चलने वाले पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज उद्घाटन हुआ।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ.) शमशेर, कुलपति, हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के कर कमलों से माँ सरस्वती को माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत माँ सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। आमंत्रित मुख्य अतिथि का सम्मान शाल एवं पुस्तक से करते हुये प्रो.(डॉ.) सीमा परोहा, निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर ने कार्रवाई का शुभारंभ किया।

संस्थान के सहायक आचार्य शर्करा अभियांत्रिकी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक डॉ.विनय कुमार ने प्रशिक्षण हेतु संस्थान में आये हुये आबकारी निरीक्षकों का स्वागत करते हुये प्रशिक्षण कार्यक्रम के मूल विषय (थीम) के बारे में सभी को परिचित करवाया।

प्रशिक्षण सत्र का प्रथम व्याख्यान संस्थान की निदेशक, प्रो.सीमा परोहा का शर्करा एवं इथेनॉल-अवसर एवं चुनौतियां, दूसरा व्याख्यान डॉ.अनंतलक्ष्मी रंगराजन का विभिन्न रा मटेरियल से इथेनॉल का उत्पादन विषय पर रहा। डॉ.अलका गुप्ता ने प्रयोगशाला में बी एवं सी मोलासेस, गन्ने के रस एवं खांडसारी में ब्रिक्स, पोल, प्योरिटी, टी.आर.एस., आर.एस. आदि के विश्लेषण के संबंध में प्रायोगिक जानकारी दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल

   

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