विलुप्त फल सब्जी और अनाज को बढ़ावा दे किसान

कार्यक्रम में भाग लेते किसान

पूर्वी चंपारण, 18 मार्च (हि.स.)।विलुप्त फल,सब्जी फसलो की खेती को बढावा देने को लेकर पीपराकोठी कृषि विज्ञान केंद्र के अटल सभागार में पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रदर्शनी की शुभारंभ मंगलवार को किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अटारी पटना के निदेशक डा अंजनी कुमार सिंह, डीएओ मनीष कुमार सिंह, केविके प्रमुख डा अरविन्द कुमार सिंह, डीएचओ विकाश कुमार व आत्मा निदेशक धीर प्रकाश धीर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ, शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केविके के प्रधान वैज्ञानिक डा अरविन्द कुमार सिंह ने किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अटारी के निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा किसानी के क्रम में बहुत वैसे अनाज, फल, फूल एवं सब्जियों का उत्पादन करते थे जिसमें कुछ न कुछ औषधिय गुण हुआ करते थे। लेकिन समय के साथ उन फसलों का उत्पादन धीरे धीरे कम होने लगा।कुछ किसान आज भी वैसे फसलों का उत्पादन कर रहे है,लेकिन इसकी जानकारी ना ही सरकार को हैं और ना ही विभाग को ही।ऐसे उन विलुप्त हो रहे फसलों के बढ़ावा देने को लेकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे पुरखो द्वारा उत्पादित फसलो में कुछ न कुछ गुणवत्ता हुआ करती थी। उसे आज विकसित करने की जरुरत हैं। किसानों को उनका उचित अधिकार प्राप्त हो इसके लिए सरकार ने पीपीभीएफआरए को लागू किया गया है। जिसमें परम्परागत 158 प्रकार के फसलों को शामिल करते हुए उसका शोध कर विकसित किया जा रहा हैं। वही केविके प्रमुख डा अरविन्द कुमार सिंह ने कहा यहां के किसान भी परम्परागत खेती किया करते हैं जो अपने उत्पाद के बीज को 500 ग्राम इस प्रदर्शनी में लाये है, उसे उनके नाम से पैकिंग कर भेजा जायेगा और इसमे बेहतर उत्पाद वाले किसान को रॉयल्ली के साथ प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा।

उन्होंने अन्य किसानों को भी अपने परम्परागत फसलों के बीज को प्रदर्शनी में लाने की बात कही। कार्यक्रम के बाद निदेशक श्री सिंह ने एक एक कर सभी किसानों के स्टॉल का भ्रमण कर बीजों की जानकारी ली। मौके पर वैज्ञानिक डीएओ मनीष कुमार सिंह, डा आरबी शर्मा, राजेश्वर सिंह, जयशंकर सिंह, मनोरंजन सिंह, रामनरेश गिरी, राजन शर्मा, राजेश कुमार यादव, भारत भूषण सिंह, सहित अन्य वैज्ञानिक व किसान मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

   

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