कोलकाता, 13 नवंबर (हि.स.) ।
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ इलाके में तृणमूल कांग्रेस कार्यालय में आग लगाये जाने की घटना सामने आई है। इस घटना को लेकर आईएसएफ पर संदेह जताया गया है। बुधवार सुबह से इस घटना के कारण इलाके में तनाव का माहौल है। हालांकि, आईएसएफ के नेता नौशाद सिद्दीकी ने आरोप को सिरे से नकार दिया है और इसे तृणमूल की अंदरूनी गुटबाजी का नतीजा बताया है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और तृणमूल के वरिष्ठ नेता मौके पर पहुंचे हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, भांगड़ के चालताबेड़िया क्षेत्र में स्थित 141 बूथ के कृष्णमती इलाके में तृणमूल कांग्रेस का एक कार्यालय था, जिसे मंगलवार रात अज्ञात लोगों ने आग के हवाले कर दिया। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि इस घटना के पीछे आईएसएफ समर्थित असामाजिक तत्वों का हाथ है। कार्यालय में रखी कुछ महत्वपूर्ण सामग्रियां जलकर राख हो गई हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, और भांगड़ के तृणमूल पर्यवेक्षक व विधायक शौकत मोल्ला की तस्वीरों में भी आग लगा दी गई।
तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय पंचायत सदस्य कलाम मोल्ला ने घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, हम इस घटना से आहत हैं। पुलिस को जांच कर दोषियों को कड़ी सजा देनी चाहिए और जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह सब्जी बेचने वाले स्थानीय विक्रेताओं ने इस घटना को देखा और सूचना मिलने के बाद तृणमूल के नेता मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया।
वहीं, आईएसएफ के जिला परिषद सदस्य राइनुर हक ने तृणमूल के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा, हमारे खिलाफ जो आगजनी का आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह बेबुनियाद है। इस घटना से आईएसएफ का कोई लेना-देना नहीं है। हमारा संगठन हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं करता।
पुलिस के अनुसार, घटना की जांच शुरू हो चुकी है और इलाके में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि तनाव को काबू में रखा जा सके। फिलहाल इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं मिली है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर